भारत के इतिहास में पहली बार आज सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव ट्रांसक्रिप्शन की गई। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) के कोर्ट रूम में पहली बार 21 फरवरी को सुबह 10.30 बजे प्रयोग के लिए लाइव ट्रांसक्रिप्शन को लॉन्च किया गया। जो सफल रहा। लाइव ट्रांसक्रिप्शन के जरिए लोग जज के फैसले, टिप्पणी और सुझाव के साथ-साथ दोनों ओर के वकील की दलीलों को लाइव अपनी भाषा में सुन सकेंगे। इससे कोर्ट में भाषा की दीवार खत्म होगी। अभी यह प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई है। बाद में इसे पूरी तरीके से शुरू किए की योजना है। सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के लाइव ट्रांसक्रिप्शन के लिए पहली बार नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का यूज किया जाएगा। साथ ही आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (AI) और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा।
सीजेआई के कोर्ट रूम से शुरू की गई सुविधा-
मंगलवार को प्रायोगिक तौर पर शुरू हुई लाइव ट्रांसक्रिप्शन की सुविधा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ के कोर्ट रूम से की गई। सीजेआई महाराष्ट्र में बिजली संकट से जुड़े एक केस की सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं। इसी मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में पहली बार आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (AI) और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए लाइव ट्रांसक्रिप्शन की गई।
वकीलों की तरफ कोर्ट रूम में लगाया गया डिस्प्ले-
मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव ट्रांसक्रिप्शन के लिए वकीलों की तरफ कोर्ट रूम एक में एक डिस्प्ले लगाई गई है जिस पर कोर्ट की कार्यवाही का लाइव ट्रांसक्रिप्शन दिखाया जा रहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट अपनी वेबसाइट पर मौखिक बहस की ट्रांसक्रिप्शन को भी उपलब्ध कराएगा।
इंदिरा जयसिंह ने दायर की थी याचिका-
ट्रांसक्रिप्शन सर्विस को TERES द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। बताते चले कि सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने इससे पहले जरूरी मुकदमों की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि आर्काइव के लिए सुनवाई की ऑडियो ट्रांसक्रिप्ट की अनुमति होनी चाहिए। इसी साल जनवरी में जस्टिस चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक बेंच ने इन सुझावों को ऑन रिकॉर्ड लिया था। जिसके बाद आज पहली बार सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की कार्यवाही की लाइव ट्रांसक्रिप्शन की गई।