Saturday, October 18

रूद्राक्ष महोत्सव में मची भगदड़, कटघरे में खड़े हुए सीहोर एसपी-कलेक्टर, पंडित प्रदीप मिश्रा भी उठे सवाल

सीहोर. पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा आयोजित रूद्राक्ष महोत्सव में फैली अव्यवस्था और भगदड़ मचने के कारण सैंकड़ों लोग बीमार, कई लोग घायल तो कई लोगों की मौत हो गई है, ऐसे में जहां पंडित प्रदीप मिश्रा पर व्यवस्था नहीं कर पाने को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं, वहीं दूसरी और सीहोर एसपी कलेक्टर कटघरे में खड़े हो गए हैं, क्योंकि राज्य मानव अधिकार आयोग ने नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा है।

आपको बतादें कि मध्यप्रदेश के सीहोर में आयोजित रूद्राक्ष महोत्सव में आए लाखों लोगों को हुई असुविधा के लिए राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है, जिसमें एसपी और कलेक्टर से पांच बिंदुओं पर सवाल करते हुए जवाब मांगा गया है। ये जवाब एसपी और कलेक्टर को सात दिन के अंदर देना होगा।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने उठाए ये 5 सवाल

मप्र मानव अधिकार आयोग ने पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा आयोजित रूद्राक्ष महोत्सव को लेकर भोपाल-इंदौर हाईवे पर लगे 27 किलोमीटर जाम, कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ जैसे हालात व अन्य घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए प्रकरण क्रमांक 1240/सीहोर/2023 दर्जकर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से अगले एक सप्ताह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है।

1. कुबरेश्वर धाम में आयोजित कार्यक्रम में आयोजकों द्वारा किस सीमा तक अनुमानित संख्या व अन्य व्यवस्था की अनुमति मांगी थी।

2. आयोजकों द्वारा मांगी गई अनुमति के आधार पर कितनी अनुमानित संख्या की अनुमति दी गई और कार्यक्रम में आनेवाले लोगों की सुरक्षा, स्वास्थ और अन्य सुविधाओं की क्या व्यवस्था की गई थी।

3. यातायात और पार्किंग की व्यवस्था कितनी अनुमानित संख्या के आधार पर की गई थी।

4. कार्यक्रम के पहले दिन ही आई अत्यधिक संख्या के कारण लोगों के स्वास्थ पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव और उनकी सुरक्षा के लिए क्या कोशिशें की गई।

5. सीहोर में फैली अव्यवस्था और यातायात को कंट्रोल करने के लिए, वहां निर्मित हुई विपरित परिस्थतियों को ठीक करने के लिए प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने उक्त पांच बिंदुओं पर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सीहोर से सात दिन में जवाब मांगते हुए सभी बिन्दुओं पर सभी आवश्यक दस्तावेजात सहित तथ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है। ताकि ऐसे आयोजनों में जिला प्रशासन की भूमिका स्पष्ट हो सके और व्यक्ति को प्राप्त मौलिक और मानव अधिकारों का भी उचित संरक्षण हो सके। आयोग द्वारा कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सीहोर को फैक्स के माध्यम से सूचना-पत्र (नोटिस) भेजा गया है।

ये था पूरा मामला
मध्यप्रदेश के सीहोर शहर में स्थित कुबरेश्वर धाम में पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा १६ फरवरी से २२ फरवरी तक रूद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होने के लिए देशभर के श्रद्धालुओं को कथा और विभिन्न माध्यमों से आमंत्रण दिया गया, इस कारण लाखों लोग बस, ट्रेन, टैक्सी और अन्य वाहनों से १६ फरवरी को सीहोर पहुंचे, तो हालात यह हो गए कि लोगों को सीहोर में पैर रखने की जगह नहीं मिली, जो जहां था वहीं फंसा रह गया, घंटों तक जाम लगा, इस दौरान करीब दो तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं सीहोर आवाजाही के दौरान भी कई दुर्घटनाएं हुई, जिसमें कई लोगों की मौत तो कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

ये उठने लगे सवाल
पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा इतना बड़ा आयोजन सीहोर में किया गया तो उसकी पहले से रूपरेखा क्यों नहीं बनाई गई, जब रूद्राक्ष महोत्सव का आमंत्रण देशभर के लोगों को कथा, सोशल मीडिया व विभिन्न माध्यमों दे दिया गया था, तो उस स्तर पर इंतजाम क्यों नहीं किया गया। अव्यवस्था फैलने और इतनी समस्या आने के बाद सालभर रूद्राक्ष वितरण की बात कही, क्या ये बात पहले नहीं कह सकते थे, लोगों का यह भी कहना है कि वे रूद्राक्ष जहां जहां कथा होती है वहां-वहां भी बांट सकते थे, क्या उन्हें पता नहीं था कि एक स्थान पर देशभर के लोग आएंगे तो क्या हालात बनेंगे।