Tuesday, September 23

पाकिस्तान में आगे और बुरे दिन, ऑयरन फ्रेंड चीन ने भी बंद किया वाणिज्य दूतावास

इस्लामाबाद। बिगड़ते सुरक्षा हालातों के मद्देनजर पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह देने के कुछ दिनों बाद ही चीन ने तकनीकी मुद्दों को हवाला देकर पाकिस्तान में अपने दूतावास के वाणिज्य दूतावास (कांसुलर सेक्शन) को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। चीनी दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर जारी सूचना में कहा है कि तकनीकी मुद्दों के कारण चीनी दूतावास का वाणिज्य खंड 13 फरवरी, 2023 से अगली सूचना तक अस्थायी रूप से बंद रहेगा। इसके कारण अब पाकिस्तानियों को चीन की नियमित वीजा सुविधा नहीं मिल पाएगी। लेकिन चुनौती सिर्फ इतनी नहीं है। कंगाली और महंगाई से बाहर निकल पाना पाकिस्तान के लिए दिनों दिन मुश्किल होता जा रहा है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने पाक के लिए आगे और बुरे दिनों की चेतावनी दी है।

चीन को भी नहीं रहा पाक पर भरोसा
शनिवार को जारी नोटिस में चीनी विदेश मंत्रालय के काउंसलर विभाग ने अपने नागरिकों को चेतावनी दी है कि पाकिस्‍तान में उनकी सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। चीन सरकार ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब एक दिन पहले ही शहबाज सरकार ने दावा किया था कि वह देश के नागरिकों और विदेशियों सभी की सुरक्षा करेगी। पाकिस्‍तान के गृहमंत्री राना सनाउल्‍ला ने ग्‍वादर में 12 फरवरी को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पाकिस्‍तानियों और विदेशी नागरिकों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराएं। दरअसल, विभिन्न आतंकवादी समूह पाकिस्तान में महत्वाकांक्षी 65 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर काम कर रहे चीनी नागरिकों पर हमला करते रहे हैं। विशेषकर पिछले दिनों पूरे देश में टीटीपी के हमले बढ़ गए हैं। लेकिन चीन की चिंताओं को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने चीनी नागरिकों को अपनी सुरक्षा का खर्च खुद उठाने को कहा था।
170 अरब नए करों के लिए संसद में विधेयक
पाकिस्तान इन दिनों आतंकवाद के साथ भयंकर आर्थिक तंगी से जूझ रहा। दिवालिया होने की कगार पर खड़ा पाकिस्तान आइएमएफ से 1.1 बिलियन डॉलर कर्ज की रुकी हुई किश्त जारी करने की गुहार लगा रहा है। आइएमएफ के सामने समर्पण करते हुए पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को संसद का विशेष सत्र बुलाकर कर कानून संशोधन विधेयक 2023 पेश किया, जिसमें करीब 170 अरब रुपए के नए कर प्रस्ताव हैं। कंगाली की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान को अगर आइएमएफ से मदद नहीं मिली तो देश में भुखमरी के हालात बन सकते हैं।
मूडीज की चेतावनी, आइएमएफ कर्ज काफी नहीं
मूडीज एनालिटिक्स ने पाकिस्तान में आगे और बुरे दिनों की चेतावनी दी है। मूडीन ने कहा है कि बढ़ती महंगाई के ट्रेंड और विदेशी मुद्रा भंडार संकट को देखते हुए अकेले आईएमएफ़ का बेलआउट पैकेज भी अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकालने के लिए नाकाफ़ी होगा। मूडीज एनालिटिक्स की सीनियर इकोनॉमिस्ट कैटरिन ऐल के अनुसार सिर्फ आईएमएफ के बेलआउट पैकेज के भरोसे अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने की उम्मीद नहीं की जा सकती। शहबाज सरकार में पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल भी यह कह चुके हैं। मूडीज ने कहा है कि पाकिस्तान के लिए निश्चित तौर पर आगे का सफर काफी कठिन है और साल की पहले छमाही में पाकिस्तान में महंगाई 33 प्रतिशत रह सकती है जो कि फिलहाल 27.5 प्रतिशत बनी हुई है।