Tuesday, September 23

100 करोड़ में खुलेगी स्टील इंडस्ट्री, सैंकड़ों युवाओं को मिलेगा रोजगार

रायसेन. प्रदेश में करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से एक बड़ी स्टील इंडस्ट्री खुलने जा रही है, जिसमें सैंकड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा, इसी के साथ यहां अन्य उद्योग धंधों को भी बल मिलेगा, उम्मीद की जा रही है कि इस बड़ी इंडस्ट्री की सफलता के बाद निश्चित ही यहां एक के बाद एक कई कंपनियां आएंगी, जिससे न सिर्फ जिलेवासियों बल्कि प्रदेश के युवाओं को भी रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

लंबे समय से जिला मुख्यालय के आसपास उद्योग इकाईयों की स्थापना की उम्मीद लगाई जा रही थी, जो अब जल्द पूरी होने जा रही है। जिससे क्षेत्र का विकास तेजी से होने के साथ ही यहां के स्थानीय निवासियों को भी रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।

मप्र औद्योगिक विकास निगम यानि एमपीआईडीसी रायसेन से करीब 12 किमी दूर पग्नेश्वर में पहाड़ी के समीप लगभग 40 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र बना रहा है। जिस पर सबसे पहली यूनिट झांंसी यूपी के औद्योगिक समूह भोजपुर स्टील प्राइवेट लिमिटेड की शुरू होने जा रही है।

एमपीआईडीसी से मिली जानकारी के अनुसार उद्योग के लिए चार हेक्टयेर भूमि एमपीआईडीसी ने कंपनी को आवंटित कर आधिपत्य सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि उक्त कंपनी जल्द यहां अधोसंरचना कार्य की शुरुआत करेगी। कंपनी यहां पर सौ करोड़ रुपए का निवेश एमएस स्टील रोल की फैक्ट्री स्थापित करेगी। जिससे करीब 450 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलेगा। भोजपुर स्टील प्रा. लि. यहां लोहे के स्क्रैप एवं अन्य प्रकार के लोहे को पिघलाकर उच्च क्वालिटी का लोहा तैयार करेगी। एमपीआईडीसी की तरफ से सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और अब कंपनी को यहां अधोसंरचना के काम करना है।

जमुनिया खेजड़ा में भी लगेंगी 4 यूनिट
एमपीआईडीसी के दफ्तर से मिली जानकारी के अनुसार दीवानगंज के समीप स्थित गांव जमुनिया खेजड़ा औद्योगिक क्षेत्र में चार उद्योग समूहों ने यूनिट स्थापित करने की सहमति दी है। हालांकि यहां पर पहले से एक वेलस्पेन कंपनी ने 230 करोड़ रुपए का निवेश कर एक यूनिट लगाई है। जिसमें 500 लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। इसके अलावा इनोवेटिव फर्नीचर बनाने वाली शार्क शॉकपिट कंपनी यहां 100 करोड़ का निवेश कर यूनिट लगाएगी। वहीं 75 करोड़ रुपए खर्च कर कांच बनाने का प्रोजेक्ट कोचर ग्लास कंपनी लगा रही। कांंकड़ा रोलिंग मिल 130 करोड़ रुपए की लागत से सरिया प्लांट स्थापित करेगा। पेट्रोल पंप के शेड सहित डबल लेयर के पेट्रोल टैंक बनाने की यूनिट आकांक्षा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड लगा रहा। जिस पर कंपनी 75 करोड़ रुपए निवेश करेगी। इन चारों यूनिट से आसपास के करीब 500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलेगा।

उद्योग समूह स्वयं करेंगे विकास कार्य
राज्य सरकार के निर्णय के तहत अब नए बनाए जा रहे औद्योगिक क्षेत्रों में अविकसित भूमि दी जा रही है। वहां पर उद्योग समूह अपनी आवश्यकता के अनुसार स्वंय अधोसंरचना कार्य कराकर इकाई शुरु करेंगे। उन्हें सडक़, बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाएं स्वंय जुटाना होगी। हालांकि ङ्क्षसगल ङ्क्षवडो प्रणाली के तहत पर्यावरण एवं ग्राम पंचायत की अनुमति सहित अन्य दस्तावेजों की औपचारिकताएं पूरी कराने में एमपीआईडीसी के अफसर सहायता करेंगे।

विकास और व्यापार को मिलेगी रफ्तार
पग्रेश्वर सहित रायसेन के समीप अन्य क्षेत्र में यदि छोटे-बड़े उद्योगों की स्थापना हो जाती है, तो जिला मुख्यालय सहित आसपास के गांवों का भी बेहतर रुप से विकास हो सकेगा। उद्योगों के आने से क्षेत्र के विकास सहित व्यापार-व्यवसाय को गति मिल सकेगी। यहां के बेरोजगार स्थानीय युवकों को प्रत्यक्ष सहित अन्य लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने लगेगा। जिससे गरीब, मजदूर एवं मध्यम वर्ग के लोगों आर्थिक रुप से सम्पन्न हो सकेंगे।

अन्य उद्योगों ने भी दिखाई रुचि
एमपीआईडीसी के सीजीएम प्रबोध देव ने बताया कि पग्रेश्वर क्षेत्र में अन्य उद्योग समूह भी इकाई स्थापित करने के लिए रुचि दिखा रहे हैं। आधा दर्जन उद्योगपति यहां पहुंचकर जमीन देख चुके हैं। पेट्रोल-डीजल के लिए एथेनॉल बनाने वाले एक समूह ने भी यहां पर फैक्ट्री लगाने के लिए यहां निरीक्षण कर लिया है। यहां पर 36 हेक्टेयर भूमि अभी और उपलब्ध है। वहीं अफसरों की मानें तो रायसेन जिला मुख्यालय के आसपास पहाड़ी क्षेत्र से लगी सरकारी भूमि पर भी छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयों को लगवाने के लिए कवायद चल रही है।

क्षेत्र में अधोसरंचना के कार्य स्वयं उद्योगों को ही करना है
&नए विकसित होने वाले पग्रेश्वर औद्योगिक क्षेत्र में सबसे पहली यूनिट भोजपुर स्टील प्रा.लि. की शुरु होने जा रही है। इसके लिए कंपनी को चार हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई है। बाकी भूमि पर भी अन्य उद्योगों ने फैक्ट्री लगाने में रुचि दिखाई है। जल्द ही यहां पर अन्य उद्योग भी स्थापित होने की संभावना है। औद्योगिक क्षेत्र में अधोसरंचना के कार्य स्वंय उद्योगों को ही करना है।
-प्रबोध देव, मुख्य महाप्रबधंक, एमपीआईडीसी भोपाल