संसद के बजट सत्र में सोमवार को एक बार फिर से लोकसभा व राज्यसभा में हंगामे के आसार हैं। कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल के निलंबन और राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खरगे के भाषणों के कुछ अंश निकाले जाने के बाद सदन की रणनीति बनाने के लिए समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों ने बैठक करने की योजना बनाई है। इसी के तहत संसद के सत्र से पहले विपक्षी दलों के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे के संसद कक्ष में मुलाकात की। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने अपनी रणनीति के तहत सरकार को घेरने की योजना बनाई है। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि, केंद्र पीठासीन अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालकर सच्चाई को छिपाने की साजिश कर रहा है। खड़गे ने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार संसद के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालकर सच्चाई को छिपाने और जेपीसी जांच की मांग को दबाने की साजिश कर रही है। उनकी यह टिप्पणी राहुल गांधी और खड़गे के क्रमश: लोकसभा और राज्यसभा में दिए गए भाषणों के कुछ हिस्सों को पीठासीन अधिकारियों द्वारा निकाले जाने के बाद आई है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, संसद के अंदर और ‘जन संसद’ दोनों जगह सवाल पूछे जाएंगे। उन्होंने पूछा, क्या अदाणी घोटाले की जांच नहीं होनी चाहिए? क्या अदाणी की कंपनियों में निवेश किए गए एलआईसी के पैसे के गिरते मूल्य पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए? क्या एसबीआई और अन्य बैंकों द्वारा अदाणी को दिए गए 82,000 करोड़ रुपये के ऋण के बारे में सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए?
राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय के नोटिस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहाकि, राहुल गांधी ने संसद में जो कुछ भी कहा था वह पहले से पब्लिक डोमेन में है, जो सभी लोग बोलते-लिखते हैं वही बात उन्होंने कही है। इसमें कुछ भी असंसदीय नहीं है। इसलिए वह उसी हिसाब से नोटिस का जवाब देंगे।
इसके अलावा विपक्षी दल अदाणी व चीन मामले पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे, तो दूसरी तरफ जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा छत्तीसगढ़ के संबंध में एक विधेयक राज्यसभा में पेश करेंगे। उधर भाजपा सांसद भी विपक्ष के हमलों का सामना करने के लिए मुस्तैद हैं।