भारतीय नौसेना की ताकत में और इजाफा हो गया है। इंडियन नेवी को एक साइलेंट किलर ‘सैंड शार्क’ मिल गई है। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में कलवारी श्रेणी की 5वीं सबमरीन ‘वागीर’ को सोमवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। नौसेना ने कहा है कि आईएनएस वागीर दुनिया के बेहतरीन सेंसर और टारपीडो और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है। इस पनडुब्बी में विशेष अभियानों के लिए समुद्री कमांडों को लॉन्च करने की भी क्षमता है।
नौसेना समुद्र के अंदर और हुई मजबूत
नौसेना में कलवारी श्रेणी की 5वीं सबमरीन ‘वागीर’ को आज शामिल कर लिया है। कलवारी श्रेणी की चार पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है। अब सबमरीन ‘वागीर’ के आने से भारतीय नौसेना समुद्र के अंदर और मजबूत हो गई है।
खतरनाक मिसाइलों और टॉरपीडो से लैस है वागीर
वागीर समुद्री हितों को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमता में काफी इजाफा हुआ है। यह सतह-रोधी युद्ध, पनडुब्बी-रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करना, माइन बिछाने और निगरानी मिशन सहित विभिन्न मिशनों को पूरा करने में सक्षम है। वागीर सबमरीन खतरनाक मिसाइलों और टॉरपीडो से लैस है।
350 मीटर की गहराई में हो सकती है तैनात
पूरी तरह से स्वदेशी वागीर पनडुब्बी दुश्मन को ढूंढकर उस पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। इसको 350 मीटर की गहराई में तैनात किया जा सकता है। स्टेल्थ तकनीकों से लैस होने के चलते दुश्मन इसका आसानी से पता नहीं सकते। इसकी वागीर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये सबमरीन को दुश्मन अपने रडार से भी नहीं पकड़ पाएगा।