भोपाल। मध्यप्रदेश में हनीट्रैप और अश्लील सीडी केस में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने यूटर्न लेते हुए कहा है कि उनके पास किसी तरह की सीडी और कोई पेन ड्राइव नहीं हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की राजनीति में घमासान मचाने वाले हनी ट्रैप मामले में कांग्रेस के दावों से हलचल मची हुई थी। कमलनाथ ने कहा था कि उनके पास एक पैन ड्राइव है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में उनके पास किसी तरह की पेन ड्राइव और अश्लील सीडी होने से इनकार किया है। कमलनाथ ने मीडिाय के हनी ट्रैप और सीडी के सवाल पर कहा कि मैंने सबसे पहले भी कहा था कि पुलिस के कुछ अधिकारी, कुछ वीडियो मुझे लैपटॉप पर दिखाने लाए अवश्य थे, परंतु मैंने तत्काल इस विषय में गंभीरतापूर्वक जांच के आदेश दे दिए थे। मैं नहीं चाहता था मध्यप्रदेश की बदनामी हो।
कमलनाथ ने कहा कि मेरे पास पेनड्राइव नहीं है। पुलिस के अधिकारियों ने मुझे लैपटॉप में वीडियो दिखाया था। मैं पेनड्राइव लेकर क्या करता। 30 सेकंड का वीडियो देखने के बाद मैंने जांच करने के लिए कहा था। कमलनाथ ने कहा कि आजकल कोई भी किसी की भी पेनड्राइव बना लेता है। मैं पेनड्राइव रखना ही नहीं चाहता था। कमलनाथ ने कहा कि गोविंद सिंह को भाजपा के लोगों ने या पुलिस ने ही सीडी दी होगी।
उल्लेखनीय है कि हनीट्रैप का मामला कोर्ट में चल रहा है। इस मामले एसआइटी से कोर्ट ने जानकारी मांगी है। पेन ड्राइव को लेकर एसआइटी ने पहले नोटिस दिया था। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि उनके पास पेन ड्राइव है और उनके पास भाजपा नेताओं की अश्लील सीडी है। इस मामले में कई दिग्गज नेताओं के बयान भी लगातार आ रहे थे।
विश्वास होगा तो निवेश आएगा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में आए तमाम इन्वेस्टर्स का हम स्वागत करते हैं। मध्यप्रदेश में विश्वास की एक नई परंपरा बनें, हम इस बात का स्वागत करते हैं। परंतु प्रदेश में निवेश तब आता है जब निवेशकों को हमारे प्रदेश में विश्वास हो, केवल भाषणबाजी करने से और विज्ञापन व मीडिया इवेंट्स से निवेश नहीं आता। विज्ञापन तो विगत 18 वर्षों से चल रहे हैं। 18 वर्षों में कई इन्वेस्टर्स समिट हुई, 6500 प्रस्ताव आए। हम पूछना चाहते हैं कि कितने प्रस्ताव धरातल पर उतरे?
भाजपा के पास धर्म की एजेंसी है क्या?
एक अन्य सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी ने आरएसएस की तुलना कौरवों से नहीं की, उन्होंने धार्मिक और अधार्मिक होने के अंतर को समझाया है। केवल नेकर पहन लेने से कोई धार्मिक नहीं हो जाता। हम भी धार्मिक हैं और हम जब भी किसी धार्मिक आयोजन में जाते हैं, भाजपा और आरएसएस के पेट में दर्द शुरू हो जाता है। क्या धर्म की कोई एजेंसी या डिस्ट्रीब्यूटर से भाजपा के पास है?\