Saturday, September 27

कर्ज में एमपी, ऋण चुकाने और ब्याज भरने में ही लग रहे 46 हजार करोड़

भोपाल। मध्यप्रदेश कर्ज में बुरी तरह फंस गया है. प्रदेश पर 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हो चुका है। इसके बाद भी कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। हाल ये है कि कर्ज चुकाने और ब्याज भरने में ही 46 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. इस बीच आगामी वित्तीय वर्ष के बजट की तैयारी भी प्रारंभ हो चुकी है जोकि तीन लाख करोड़ रुपये तक का हो सकता है।

राज्य सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी 12 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। इस साल ब्याज चुकाने पर करीब 22 हजार करोड़ और कर्ज चुकाने में 24 हजार करोड़ रुपये का खर्च का अनुमान लगाया गया है। हालांकि राज्य में पूंजीगत व्यय रिकार्ड 43 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

सरकार का कहना है कि वर्ष 2022-23 में महज 12 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ही लिया जबकि 38 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पात्रता- कांग्रेस प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावर है। हाल ही में सरकार के विरुद्ध प्रस्तुत किए गए अविश्वास प्रस्ताव में भी यह प्रमुख मुद्दा था। इधर सरकार का दावा है कि ऋण नियमानुसार ही लिया जा रहा है. सरकार का कहना है कि वर्ष 2022-23 में महज 12 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ही लिया जबकि 38 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पात्रता है।

इधर राज्य में अगले वित्तीय वर्ष के बजट की तैयारी शुरु हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें कर चुके हैं। यह बजट चुनावी साल होने से तीन लाख करोड़ का हो सकता है।