
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रामायण एक अद्भुत ग्रंथ है। गाँव-गाँव में रामचरित मानस गाया जाता है। राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं, हर साँस में बसे हैं। राम और रामायण के बिना यह देश जाना नहीं जा सकता और यह सिर्फ देश तक सीमित नहीं है। रामायण जी ने दुनिया के बड़े हिस्से को प्रभावित किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को जबलपुर में हो रही तीसरी वर्ल्ड रामायण कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। चौहान इस कार्यक्रम में भोपाल से वर्चुअल जुड़े थे। जबलपुर के मानस भवन में हो रही कांफ्रेंस में भाजपा के प्रखर वक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी, रिटायर्ड जनरल जीडी बख्शी, बीजेपी विधायक अजय विश्नोई भी मौजूद हैं। यहां सभी वक्ताओं ने रामायण चित्र पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कारधानी जबलपुर सचमुच में भाग्यशाली है। यहाँ की पावन धरती से भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शांति का दिग्दर्शन होगा। इस सम्मेलन से रामायण में निहित प्रेम, शांति, प्रसन्नता, एकता एवं भाईचारे का संदेश जाएगा।
चौहान ने कहा है कि राम तो सबके हैं। अंतरराष्ट्रीय रामायण कांफ्रेंस का ध्येय वाक्य है “रामायण की सौम्य शक्ति”। दुनिया की सभी समस्याओं का हल कहीं है तो भारतीय चिंतन में है, भारतीय सोच में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया की सारी समस्याओं का समाधान अगर कहीं है तो भारतीय चिंतन व सोच में है। यही से विश्वकल्याण का भाव आता है और विश्व कल्याण का भाव आ गया तो सारी उठापटक शांत हो जाए।
रामायण कांफ्रेंस में श्रीलंका के सांस्कृतिक मंत्री विदुरा विक्रम नायक, मारीशस के सांस्कृतिक मंत्री अविनाश टिलक सहित स्विट्जरलैंड के सांसद शिरकत कर रहे हैं। इस आयोजन में 15 देशों के प्रतिनिधि भी रामायण पर किए गए अपने शोध पर व्याख्यान दे रहे हैं।
अजय विश्नोई ने सरकार को घेरा
इस बीच जबलपुर के पाटन से भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के मंत्री को घेर लिया। जबलपुर में चल रही वर्ल्ड रामायण कांफ्रेंस में संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से हो री कांफ्रेंस में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के शामिल नहीं होने पर विश्नोई ने तंज कस दिया। विश्नोई ने ट्वीट पर कहा है कि जबलपुर में वर्ल्ड रामायण कांफ्रेंस का आयोजन हो रहा ह। मध्यप्रदेश का संस्कृति मंत्रालय इसका सहयोगी है, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर को उद्घाटन में आना था। वे नहीं आईं। विश्नोई ने कहा कि ठीक भी है जब सभी संस्कृति इंदौर और मालवा में उपलब्ध है तो गोंडवाना और महाकौशल की संस्कृति की परवाह क्यों की जाए।
