अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद आज पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश पहुंचे। वहां उन्होंने एलएसी के पास एक पुल का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम शांति के साथ-साथ शक्ति के भी उपासक है।
नॉर्थ ईस्ट स्टेट के दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश पहुंचे। यहां उन्होंने कई योजनाओं का उद्घाटन किया। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद यह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश का पहला दौरा है। असम और अरुणाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी हवाईअड्डे पहुंचे थे। जहां से राजनाथ सिंह मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में पहुंचे, जहां उन्होंने भारत-चीन सीमा (LAC) के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सियोम पुल का उद्घाटन किया। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 27 अन्य परियोजनाओं का भी वर्चुअल उद्घाटन किया।
सीमा सड़क संगठन के काम की सराहना की
रक्षा मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार राजनाथ सिंह ने बीआरओ विजन और न्यू टेक हैंडबुक का भी विमोचन किया। विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल में BRO ने जिस भावना और गति के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया है वह सराहनीय है। अधिक से अधिक सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि वहां रहने वाले लोगों के विकास के साथ-साथ, उनमें व्यवस्था के प्रति विश्वास की भावना विकसित हो सके।
सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाई 28 योजनाएं राष्ट्र को समर्पित
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि आज सीमा सड़क संगठन द्वारा देश के सीमावर्ती इलाकों में निर्मित 28 मूलढ़ांचा परियोजनाएं को राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे बड़ी खुशी और गौरव का अनुभव हो रहा है। साथ ही BRO@2047 विजन दस्तावेज जारी करना भी मेरे लिए खुशी की बात है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की धरती से ही वसुधैव कुटुंबकम का संदेश गया है। हम शांति के साथ साथ शक्ति के भी उपासक हैं।
भारत हमेशा से युद्ध के खिलाफ रहा है
रक्षा मंत्री ने कहा कि बदलती दुनिया, बदलते समय और राष्ट्रों के बदलते हितों के मद्देनज़र किसी भी राष्ट्र को अपने आपको सशक्त रखना एक बड़ी आवश्यकता है। दुनिया में आए दिन किसी न किसी प्रकार के विवाद की स्थिति दिखाई देती रहती है। हालांकि, भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है, और यही भारत की नीति रही है। लेकिन युद्ध जैसी स्थिति में भारत चुप नहीं बैठेगा।
हमपर युद्ध थोपा गया तो हम हर चुनौती को तैयारः राजनाथ
‘यह युद्ध का युग नहीं है’ प्रधानमंत्री के इस बयान जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री “this is not the era of war” कहकर भारत के संकल्प को पुनः स्पष्ट किया था और दुनिया का ध्यान इस संकल्प की ओर आकर्षित किया था। यानि हम युद्ध में यकीन नहीं रखते हैं। पर अगर हम पर युद्ध थोपा जाता है, तो हम हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।
नॉथ ईस्ट जितना मजबूत होगा, पूरा देश उतना मजबूत होगाः रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि आज हम मैदानी इलाकों में तकनीकी की मदद से रोड की जगह स्मार्ट रोड बना रहे हैं। पर कई सीमाई इलाकों में आज भी रोड की किल्लत है। यहां तक की समुचित पगडण्डियां भी नहीं हैं। हमारा मानना है कि नॉर्थ ईस्ट रिजन न केवल हमारे देश के समग्र विकास के लिए बल्कि ईस्ट एशिया के साथ हमारे संबंधों ट्रेड, ट्रैवल और टेरेज्म का भी गेटवे है। हमारे देश का यह पूर्वी हिस्सा जितना अधिक मजबूत होगा, हमारा पूरा देश उतना मजबूत होगा।