Tuesday, September 23

अयोध्या के संत ने दी सुसाइड की धमकी, मंत्री, भाई और एसडीएम पर लगाए जमीन हड़पने के आरोप

सागर। जिले की जैसीनगर तहसील में श्रीजानकी रमण मंदिर की 125 एकड़ जमीन हड़पने की कोशिश का मामला सामने आया है। इस मामले में अयोध्या के संत एवं मंदिर के व्यवस्थापक जगदीश दास ने आत्महत्या की चेतावनी दी है। जगदीश दास ने राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत और एसडीएम सपना त्रिपाठी पर 125 एकड़ जमीन हड़पने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र की जैसी नगर तहसील के बरखेरा महंत गांव में श्री जानकी रमण मंदिर है। खास बात यह है कि यह जमीन और मंदिर अयोध्या स्थित वशिष्ठ पीठ की है। व्यवस्थापक महंत जगदीश दास का आरोप है कि कोर्ट ने मंदिर की 125 एकड़ जमीन मंदिर के महंत के नाम पर वापस कर दी थी, लेकिन एसडीएम कार्यालय में इसका नामांतरण लगभग दो साल से अटका रखा है।

जगदीश दास (jagdeesh das) के मुताबिक यह जमीन अयोध्या के ब्रह्मश्री डॉ. रामविलास दास वेदांती संस्था की है, जिसका 18वीं सदी तक का रिकार्ड मौजूद है। अयोध्या के इस संस्थान की ओर से ही इस मंदिर और संपत्तियों के प्रबंधक नियुक्त किए जाते रहे हैं, लेकिन कुछ समय पहले सुरखी के विधायक और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके भाई हीरा सिंह राजपूत ने एक समिति का गठन कर मंदिर समेत भूमि पर कब्जा कर लिया है। इस कृत्य के खिलाफ हम न्यायालय भी गए, जहां फैसला हमारे पक्ष में हो गया। अब मामला तहसील कार्यालय में चल रहा है।

महंत जगदीश दास के अनुसार इस मंदिर व जमीन के मामले को लेकर वेदांती जी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री भूपेंद्र सिंह, मंत्री गोपाल भार्गव, सांसद गणेश सिंह से लेकर सांसद राजबहादुर सिंह से बात की एवं इसकी जानकारी भी दी है।

मेरी मौत के जिम्मेदार होंगे तीन लोग

जगदीश दास ने सागर की एसडीएम सपना त्रिपाठी पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि न्यायालय के आदेश के बाद भी भूमि का नामांतरण न कर पुराने दर्ज नाम इन्होंने विलोपित कर दिए हैं। जगदीश दास ने चेतावनी दी है कि यदि 26 जनवरी 2023 तक मंदिर की भूमि के दस्तावेज न्यायालय के आदेशानुसार दुरुस्त नहीं किए गए तो वे आत्महत्या कर लेंगे और मेरी मौत के जिम्मेदार मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, उनके भाई हीरा सिंह राजपूत और एसडीएम सपना त्रिपाठी होंगी।

मेरा और मेरे परिवार का किसी तरह का कब्जा नहीं

मेरे या मेरे परिवार का किसी भी तरह से मंदिर की जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं है और किसी तरह से लेना देना नही है। इस तरह के सभी आरोप निराधार मन गढंत है। राजनीतिक द्वेष के चलते लोग इस तरह का आरोप लगा रहे हैं यह लोग सुरखी में होने वाले विकास से इतना परेशान हो गए हैं कि कुछ भी मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं, लेकिन जनता सब जानती है।