Tuesday, September 23

बिलावल भुट्टो ने UN में फिर उठाया जम्मू कश्मीर का मुद्दा, जयशंकर ने दिया ऐसा जवाब कि बोलती हुई बंद

संयुक्त राष्ट्र की सभा में पाकिस्तान ने फिर से जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया है। जिसका भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया है। बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की ओर से यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के बाद जवाब दिया। उनके जवाब की खूब चर्चा हो रही है। जयशंकर ने किसी भी देश का नाम लिए बिना पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों पर प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है, फिर चाहे वह महामारी, जलवायु परिवर्तन, संघर्ष या आतंकवाद की ही बात क्यों न हो। एस जयंशकर ने आगे कहा कि दुनिया जिसे अस्वीकार्य मानती है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए।

अपराधियों को बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोगः जयशंकर

एस जयशंकर की यह प्रतिक्रिया तब आई जब भुट्टो ने यूएनएससी की भारत की दिसंबर की अध्यक्षता के तहत सुधारित बहुपक्षवाद (एनओआरएम) के लिए नई ओरिएंटेशन पर बहस के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया था। आतंकवाद की चुनौती पर, उन्होंने कहा कि भले ही दुनिया अधिक सामूहिक प्रतिक्रिया के साथ एक साथ आ रही है, लेकिन बहुपक्षीय मंचों का दुरूपयोग अपराधियों को सही ठहराने और बचाने के लिए किया जा रहा है।
ओसामा बिन लादेन और संसद पर आतंकी हमले का भी जिक्र

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, ”यह निश्चित रूप से सीमा पार आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देश पर लागू होता है। आतंकी ओसामा बिन लादेन और भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले का उदाहरण देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि न ही ओसामा बिन लादेन की मेजबानी करना और न ही पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना इस परिषद के सामने उपदेश देने के लिए प्रमाण के रूप में काम कर सकता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर दोनों विदेश मंत्री के बयान

मालूम हो कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद की छतरी के नीचे बहुपक्षीय समाधान शांति को बढ़ावा देने और संघर्षों को हल करने के लिए सबसे प्रभावी दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कही थी ये बात

उल्लेखनीय हो कि सुरक्षा परिषद में भारत को शामिल करने की मांग के बीच भुट्टो ने कहा कि यूएनएससी में नए स्थायी सदस्यों को जोड़ने से सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र के अधिकांश सदस्य देशों के उपस्थित होने के अवसर संख्यात्मक रूप से कम हो जाएंगे। हमें सभी की संप्रभु समानता का पालन करना चाहिए, कुछ की श्रेष्ठता का नहीं।