Tuesday, September 23

सीएम केजरीवाल का ऐलान, दिल्ली में प्रदूषण से प्राइमरी स्कूल 5 नवम्बर से बंद

प्रदूषण को लेकर उत्तर भारत में खासतौर पर दिल्ली, यूपी और पंजाब में मामला गरम हो गया है। दिल्ली में स्कूल बंद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। जिस 10 नवंबर को सुनवाई होगी। पर उससे पहले दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने 5 नवम्बर से प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए हैं।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में सवाल किया गया कि, जब जब प्रदूषण से नोएडा के स्कूल बंद हैं तो दिल्ली के स्कूल क्यों खुले हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 10 नवंबर को करेगा। इसी बीच दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल अलर्ट हो गए और तत्काल ऐलान किया कि, दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति में सुधार होने तक दिल्ली के प्राथमिक स्कूल कल शनिवार 5 नवम्बर से बंद रहेंगे। और स्थिति में सुधार होने पर ही स्कूल खोले जाएंगे। और 5वीं कक्षा से ऊपर क्लास की आउटडोर गतिविधियां बंद रहेंगी। बड़ी कक्षाओं के लिए जरूरत होने पर आनलाइन कक्षाएं शुरू की जा सकतीं हैं। दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहाकि, दिल्ली में ऑड ईवन लागू करने पर विचार हो रहा है।

पूरे उत्तर भारत की समस्यासीएम अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहाकि, वायु प्रदूषण सिर्फ राजधानी की नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत की समस्या है। केजरीवाल ने कहा कि, यह आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की है कि वे आगे आकर इस पर ठोस कदम उठाएं।

नोएडा में स्कूल बंदबढ़ते प्रदूषण को लेकर नोएडा में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। अब कक्षा से 1 से 8 तक ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी। कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए आउटडोर एक्टिविटीज को मना कर दिया गया है।

नोएडा में ग्रेप का चौथा चरण भी लागू

नोएडा में प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थिति रेड जोन में पहुंच चुका है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ग्रेप का चौथा चरण भी लागू कर दिया गया है। नोएडा में शुक्रवार को एक्यूआई 424 व ग्रेटर नोएडा में 442 दर्ज किया गया। नोएडा के सेक्टर- 62 में 473 और सेक्टर 116 में 428 दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है।

कई तरह की पाबंदियां लागू

ग्रेप का चौथा चरण लागू होते ही कई तरह की पाबंदियां लागू हो चुकी हैं। कंस्ट्रक्शन व कूड़ा जलाने पर रोक लगा दिया गया है। बाहर खुले में कंस्ट्रक्शन संबंधी सामग्री को नहीं रखा जा सकता और अगर रखा भी जाएगा तो उसे पूरी तरीके से ढक कर रखा जाएगा।