Wednesday, September 24

HALALI DAME पहली बार दो सौ फीसदी भरा, अब गेट लगने से डूबने से बचेेंगे खेत

विदिशा. विदिशा और रायसेन जिले की जीवन रेखा के रूप में हलाली नदी पर स्थापित सम्राट अशोक सागर परियोजना हलाली बांध के नाम से जानी जाती है। यह पहला मौका है जब 50 साल के अपने इतिहास में हलाली बांध दो सौ फीसदी भरा है और इसकी वेस्ट वियर अक्टूबर में भी चल रही है। लेकिन अब इस बांध में किसानों को खेतों की फसलों को बचाने की मंशा से इसमें गेट लगाए जा रहे हैं, जिससे वेस्ट वियर से बहने वाले पानी को नियंत्रित किया जा सकेगा।

अब तक बिना गेट का था हलाली बांधहलाली बांध का निर्माण कुछ इस तरह हुआ था कि तय 1508 फीट के जल स्तर से अधिक पानी इस बांध में भरने पर अतिरिक्त पानी खुद ही वेस्ट वियर से निकल जाएगा। यही पानी जब पत्थरों के ऊपर से होते हुए नीचे गिरता है कि प्राकृतिक झरने का दृश्य सामने आता है। इस बांध में अब तक नहीं थे, इसलिए गेट खोलने-बंद करने की प्रक्रिया भी नहीं थी। लेकिन वेस्ट वियर से बहने वाले पानी के कारण आसपास के करीब एक हजार हेक्टेयर के खेत डूब जाते थे और उनमें किसान खेती नहीं कर पाते थे। इस समस्या के हल के लिए अब बांध की संरचना में बदलाव हो रहा है। बांध में 24 करोड़ की राशि से पांच गेट लगाए जा रहे हैं जिससे बांध से बहने वाले अतिरिक्त पानी को नियंत्रित किया जा सकेगा।

गेट लगने से किसानों को मिलेगी राहत

हलाली बांध का जल स्तर जब भी 1508 फीट से अधिक होता है तो इसकी वेस्ट वियर से बहने वाला पानी आसपास के किसानों के खेतों में भरकर उनकी फसल को बुरी तरह प्रभावित करता है। यहां के किसान खेती नहीं कर पाते। ऐसे में खेतों में सिंचाई के लिए बनाए गए बांध से खेती ही नहीं हो पा रही थी। इस समस्या के सामने आने पर इस बांध में 24 करोड़ रूपए की लागत से पांच गेट लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब यह काम द्रुत गति पर चल रहा है और अगले साल बारिश से पहले यह काम पूरा कर लेने की योजना है। इन गेट के लगते ही वेस्ट वियर से बहने वाले पानी को नियंत्रित किया जा सकेगा और फिर करीब एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र के खेतों में खेती निर्बाध रूप से हो सकेगी।

पहली बार चली संग्रामपुर की वेस्ट वियर

सम्राट अशोक सागर परियोजना के कार्यपालन यंत्री राजीव कुमार जैन बताते हैं कि हलाली बांध के इतिहास में यह पहला मौका है जब बांध अपने तय जल स्तर से दो सौ फीसदी ज्यादा भरा है। इसके साथ ही संग्रामपुर में एक ओर वेस्ट वियर है जो अतिरिक्त से भी अतिरिक्त पानी होने पर ही चलती है। इस बार यह वेस्ट वियर भी पहली बार ही चली है।

रेलवे लाइन क्रास कर निकलेगी नहरहलाली परियोजना के कार्यपालन यंत्री राजीव जैन बताते हैं कि हलाली परियोजना से अभी विदिशा-रायसेन जिलों की करीब 40 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित हो रही है। लेकिन एक अन्य परियोजना भी इससे ही जोड़ी गई है, जिससे हलाली के पानी से अब दीवानगंज की सिंचाई भी होगी और यह सात हेक्टेयर खेतों को सींचेगी। इसके लिए रेलवे को काम सौंपा गया है क्योंकि इस परियोजना में नहर को रेलवे लाइन के नीचे से निकालना होगा। इसके लिए निर्धारित राशि भी रेलवे को दी जा चुकी है।

बर्रो नहर से सिंचित होंगे दो हजार हेक्टेयर खेत

इसके अलावा बर्रो परियोजना का काम भी पूरा होने को है। इसके पूरा होते ही क्षेत्र के करीब दो हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इस नहर में भी हलाली बांध का ही पानी उपयोग होगा।

यह पहला मौका है जब सम्राट अशोक सागर बांध 200 प्रतिशत भरा है, इसके अलावा पहली बार ही संग्रामपुर की वेस्ट वियर चली है। इस बांध में अब पांच गेट लगाए जा रहे हैं। अगली बारिश से पहले ये काम पूरा हो जाएगा और अब किसानों को वेस्ट वियर के पानी से परेशानी नहीं झेलना पड़ेगी।
-राजीव कुमार जैन, कार्यपालन यंत्री, सम्राट अशोक सागर परियोजना विदिशा