संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य (united nations security council members) के लिए भारत का समर्थन किया है। UN जनरल असेंबली के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि “हम अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमरीका के देशों के प्रतिनिधित्व के माध्यम से सुरक्षा परिषद को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने की संभावना देखते के बारे में देखते हैं। विशेष रूप से भारत व ब्राजील को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में जगह मिलनी चाहिए।”
वहीं इससे पहले बीते अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने UN जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए कहा था कि अब समय आ गया है कि संस्था को और समावेशी बनाया जाए, जिससे दुनिया की जरूरतों को पूरी तरह से पूरा किया जा सके। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी व अस्थायी दोनों प्रकार के सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।
भारत को स्थायी सदस्य बनाने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति ने किया समर्थन
अमरीकी राष्ट्रपति जो जो बाइडेन ने वीटो पावर पर बोलते हुए कहा कि इसे केवल विषम या विशेष परिस्थितियों में ही यूज किया जाना चाहिए, जिससे सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता के साथ इसका प्रभाव बना रहे। उन्होंने कहा कि हम लंबे समय जिनकी स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हैं उसमें अफ्रीका, लैटिन अमरीका व कैरेबियाई देश शामिल हैं। वहीं भारत की भी लंबे समय से सदस्यता की मांग चली आ रही है, जिसका हम समर्थन करते हैं।
अमरीकी राष्ट्रपति जो जो बाइडेन ने वीटो पावर पर बोलते हुए कहा कि इसे केवल विषम या विशेष परिस्थितियों में ही यूज किया जाना चाहिए, जिससे सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता के साथ इसका प्रभाव बना रहे। उन्होंने कहा कि हम लंबे समय जिनकी स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हैं उसमें अफ्रीका, लैटिन अमरीका व कैरेबियाई देश शामिल हैं। वहीं भारत की भी लंबे समय से सदस्यता की मांग चली आ रही है, जिसका हम समर्थन करते हैं।
चीन स्थायी सदस्यता को लेकर फिर अड़ा सकता है अड़गा
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 (रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमरीका) स्थायी सदस्य देश हैं। इस संख्या को बढ़ाने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है। स्थायी सदस्यता की मांग करने वाले देशों में भारत भी शामिल है, लेकिन हर बार इसको लेकर अड़गा अड़ा देता है। भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग का चीन ने कई बार विरोध किया है। वही इस बार भी वह इसका विरोध कर सकता है। हालांकि रूस, अमरीका सहित कई अन्य देशों ने भारत की स्थायी सदस्यता की मांग का समर्थन किया है
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 (रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमरीका) स्थायी सदस्य देश हैं। इस संख्या को बढ़ाने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है। स्थायी सदस्यता की मांग करने वाले देशों में भारत भी शामिल है, लेकिन हर बार इसको लेकर अड़गा अड़ा देता है। भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग का चीन ने कई बार विरोध किया है। वही इस बार भी वह इसका विरोध कर सकता है। हालांकि रूस, अमरीका सहित कई अन्य देशों ने भारत की स्थायी सदस्यता की मांग का समर्थन किया है
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन व पाकिस्तान पर किया हमला
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र को संबोधित करते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन व पाकिस्तान पर जमके हमला किया। उन्होंने कहा कि चीन आतंकियों को ब्लैक लिस्ट करने के फैसले का विरोध करते हुए पाकिस्तान के आतंकियों का समर्थन करता है। वहीं पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है, हम आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र को संबोधित करते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन व पाकिस्तान पर जमके हमला किया। उन्होंने कहा कि चीन आतंकियों को ब्लैक लिस्ट करने के फैसले का विरोध करते हुए पाकिस्तान के आतंकियों का समर्थन करता है। वहीं पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है, हम आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे।