Saturday, October 4

नाइट कल्चर का स्वागत, रात को भी जागेगा शहर, प्रशासन ने की तैयारियां

इंदौर। शहर जल्द रात को भी कामकाजी लोगों के लिए जागने को तैयार होगा। नाइट कल्चर को लेकर पुलिस, जिला और नगरीय प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। होटल संचालकों ने भी इस पहल का स्वागत किया है। हालांकि, उनका कहना हैं, रात में खुले रहने वाले इंदौर के लिए नियम-कायदे इस तरह बनाए जाने चाहिए, जिससे इंदौर की परंपरा व संस्कृति बरकरार रहे। टीयर टू से टीयर वन शहर की ओर कदम बढ़ा चुके इंदौर में नाइट कल्चर की घोषणा होने के साथ ही रोजगार के सृजन, आर्थिक मजबूती की राह भी प्रशस्त होती नजर आ रही है।

शुरुआती दौर में स्टार्टअप और आइटी कंपनियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इनके आसपास के बाजार, होटल, रेस्टोरेंट भी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। इसे लेकर होटलों में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इंदौर होटल एसोसिएशन ने नाइट कल्चर को लेकर मसौदा तैयार किया है, जिसे जल्द प्रशासन को सौंपा जाएगा। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी का कहना है, दुनिया के 30 देशों में अभी नाइट कल्चर लागू है। स्वच्छता में लगातार नंबर वन रहा इंदौर न सिर्फ देश के बाकी शहरों, बल्कि दुनिया के लिए उदाहरण बना है। ऐसे में नाइट कल्चर वाले बाकी शहरों की तुलना में इंदौर का नाइट कल्चर संस्कृति और परंपरा वाला रहे, यह हम सभी की जिम्मेदारी है। सभी होटल संचालकों ने मिलकर ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है, जिससे संस्कृति को सहेजे रखना संभव हो सकेगा।

ये हैं प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु

-रात में खुलने वाले रेस्टोरेंट के लिए अलग से नाइट लाइसेंस जारी हो। इससे नाइट कल्चर की आड़ में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

-लाइसेंस लेने वाले रेस्टोरेंट और होटलों को सुरक्षा के लिए पूरी तरह पुलिस पर निर्भर न रहते हुए अपने स्तर पर भी इंतजाम करने होंगे।

-नाइट कल्चर का मकसद आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करना है। यह सुनिश्चित करना होगा कि देर रात को शराब की बिक्री न हो।

-नाइट कल्चर से लाभ उठाने वाले व्यापारियों पर यह बंधन रहे कि वे नए रोजगार का भी सृजन करें। यानी रात के लिए अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की जाए।