Tuesday, September 23

मध्यप्रदेश में पहली बार दो नदियों के जोड़ने का अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट।

bhopal-tunnel-1_142645192 bhopal-tunnel-2_142645192 bhopal-tunnel-3_142645192 bhopal-tunnel_1426451919इछावर (सीहोर). राजधानी के बड़े हिस्से की प्यास बुझाने वाले कोलार डेम में अब भरपूर पानी होगा। इसे सीहोर जिले की सीप नदी से जोड़ा जा रहा है। अभी कोलार से शहर को जितना पानी मिलता है उसका 56 फीसदी हिस्सा इस प्रोजेक्ट से ही मिलने वाला है। इसकी लागत 141 कराेड़ रुपए है। शहर से करीब 90 किमी दूर दो साल से जारी है यह प्रोजेक्ट। इससे भोपाल की बड़ी जरूरत पूरी होने वाली है।पांच जगहों पर निर्माण कार्य हो रहा है। इनमें बांध और पहाड़ों के भीतर बन रही टनल शामिल है। यहां से पानी कोलार की 32 किमी की दूरी तय करेगा। खास बात यह है कि नदी से निकला पानी प्राकृतिक बहाव से आएगा। इस पर बिजली खर्च नहीं होगी। तीन बांधों में इकट्ठा होने वाले पानी को जमीन से करीब 35 मीटर नीचे बन रही टनल के सहारे कोलार डेम के कैचमेंट में छोड़ दिया जाएगा। सीप नदी पर बनने वाले पहले डेम से कोलार डेम के कैचमेंट तक की कुल दूरी लगभग 12 किमी है। इस प्रोजेक्ट के जरिए करीब 6100 हेक्टेयर की सिंचाई की जरूरत भी पूरी होगी। दिसम्बर 2016 तक यह प्रोजेक्ट पूरा होना है।मध्यप्रदेश में पहली बार

>बिना बिजली के पानी नदी से डेम तक आएगा।
>दो नदियों के जोड़ने का अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट।
61- एमसीएम पानी कोलार से शहर को मिलता है
56- फीसदी यानी 34.36 एमसीएम पानी इस प्रोजेक्ट से आगा
पहला- सीप नदी पर दो पहाड़ों के बीच में 265 मीटर लंबा और 22 मीटर ऊंचा। अलीपुर गांव के पास।
दूसरा- कालदेव में। दूरी करीब 2 किमी। 200 मीटर लंबा और 17.90 मीटर ऊंचा।
तीसरा – घोड़ा पछाड़ पर। दूरी करीब ढाई किमी। 117 मीटर लंबा और 6.69 मीटर ऊंचा।
20 मीटर गहरे कुओं से जाती हैं मेगा मशीनें
यह टनल बिरजिश नगर में कोलार नदी के उस हिस्से पर मिलेगी, जहां कोलार डेम का कैचमेंट शुरू होता है। इसके लिए तीन जगहों पर लगभग 20 मीटर गहरे और 9 मीटर व्यास के कुएं बनाए गए हैं। इन कुओं से क्रेन के जरिए जेसीबी, ट्रक और अन्य मेगा मशीनें नीचे उतारी जाती हैं। टनल के साथ ही करीब दो किमी लंबी चैनल बनाने का काम भी चल रहा है।
कोलार डेम में पानी
265- एमसीएम कुल क्षमता
180- एमसीएम औसत भरता है
61- एमसीएम भोपाल आता है