Monday, September 29

मुंबई और ठाणे में इन जगहों पर लगी है सबसे उंची दही हांडी, 10 थर लगाने पर 21 लाख का इनाम

कोविड-19 महामारी के चलते दो साल बाद फिर से मुंबई और ठाणे में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। सुबह से ही गली मोहल्लों में ‘गोविंदा आला रे आला’ की गूंज एक बार फिर सुनाई दे रही है। मुंबई-ठाणे और उससे सटे हिस्सों में युवाओं की टोली दही हांडी फोड़ती हुई नजर आ रही है। पहले की तरह ही इस बार के दही हांडी उत्सव में राजनीतिक दल बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

जन्माष्टमी के मौके पर मुंबई, ठाणे में दशकों से मनाये जाने वाले इस लोकप्रिय उत्सव के लिए लाखों के इनाम रखे गए है। यह इनाम मानव पिरामिड (थर) की उंचाई के आधार पर तय किये गए है। बता दें कि दही हांडी उत्सव में दही से भरी मटकी हवा में लटक रही होती है और मानव पिरामिड बनाकर उसे तोड़ा जाता है।

एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की कि दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा दिया जाएगा। साथ ही प्रतिभागियों या उनके परिवारों को मानव पिरामिड बनाने के दौरान किसी खिलाड़ी के हताहत होने की स्थिति में मुआवजा दिया जाएगा। जख्मी गोविंदाओं के इलाज का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी।
शिंदे सरकार के इस निर्णय से दही हांडी में शामिल होने वाले युवक खेलकूद कोटे के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर पायेंगे। वहीँ, मानव पिरामिड बनाने के दौरान हादसे का शिकार होने वाले गोविंदाओं की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने पर उनके परिवार को 10 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। जबकि किसी गोविंदा के गंभीर रूप से घायल हो जाने पर सात लाख रूपये तथा मामूली रूप से घायल होने पर पांच लाख रूपये दिये जाएंगे।