Sunday, September 28

कांगे्रस का साथ छोडऩा चाहती हैं कई पार्टियां

0717_a1

नईदिल्ली। आम चुनाव से कुछ महीने पहले देश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस की अगुवाई वाये यूपीए गठबंधन में दरारें दिखने लगी हैं। भ्रष्टाचार के अलावा कई मुद्दों को लेकर मतभेद उभरने की वजह से यूपीए 2 से कई साथी पहले ही छिटक चुके हैं। अब नरेंद्र मोदी को लेकर गठबंधन में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। ताजा हलचल यूपीए के दो सहयोगियों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से मोदी को लेकर दिए गए बयान ने पैदा की है। कांग्रेस के सामने मौजद चुनौतियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस समय यूपीए 2 गठबंधन में कांग्रेस के अलावा सिर्फ एनसीपी, आरएलडी, नेशनल कॉन्फे्रंस, मुस्लिम लीग और झारंखड मुक्ति मोर्चा ही शामिल हैं। इनमें एनसी और एनसीपी भी तेवर दिखाने लगी है। ऑल इंडिया माजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन डीएमके और तृणमूल कांग्रेस यूपीए 2 गठबंधन से हाथ खींच चुके हैं।
क्या बोले थे प्रफुल्ल?
यूपीए गठबंधन में कांग्रेस के बाद सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी इसके लोकसभा में 9 सांसद हैं के नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधे हमला बोलते हुए कहा था कि अदालत ने मोदी को क्लीन चिट दी है, ऐसे में मोदी को गुजरात दंगों के लिए दोषी मानना सही नहीं है। राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले एक टीवी इंटरव्यू में मोदी को गुजरात में हुए दंगों के लिए जिम्मेदार माना था।
आंखें दिखा रहे हैं अब्दुल्ला?
यूपीए गठबंधन में कांग्रेस एनसीपी और राष्ट्रीय लोकदल के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और केंद्रीय मंत्री फारूख ने भी परोक्ष रूप से मोदी का समर्थन करते हुए कहा है कि अगर देश मोदी को प्रधानमंत्री चनुता है तो जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए। अब्दुल्ला सीनियर का यह बयान उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच बढ़ रहे तनाव की तरफ इशारा करता है क्योंकि पिछले साल अक्टूबर में अब्दुल्ला ने कहा था कि देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के लिए मोदी का प्रधानमंत्री चुना जाना खतरनाक और नुकसान पहुंचाने वाला होगा। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और फारूख अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी कांग्रेस की परेशानी बढ़ाते हुए कहा है कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में अकेले चुनाव लडऩे पर विचार कर सकती है।