Sunday, September 28

केजरीवाल बोले राहुल, चिदंबरम, मुलायम, मायावती, गडकरी, भ्रष्ट इन्हें हराना है

kejriwal_pc

नईदिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक जनसभा में अपनी लोकसभा चुनाव की रणनीति का खुलासा किया। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेमा मुख्यमंत्री, मंत्री और प्रधानमंत्री बनने के लिए नहीं बल्कि भ्रष्टाचार दूर करने के लिए आए हैं। केजरीवाल ने जनता से लोकसभा चुनावों में भ्रष्ट लोगों के खिलाफ मतदान करने की अपील की। केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ लडऩे की घोषणा की। उन्होंने ऐसे नेताओं की लिस्ट जारी की। केजरीवाल ने राहुल गांधी, सुशील कुमार शिंदे, पी चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, कपिल सिब्बल, नवीन जिंदल, मायावती, मुलायमसिंह यादव, सुरेश कलमाड़ी, नीतिन गडकरी, प्रफुल्ल पटेल, अनंत कुमार, वीरप्पा मोईली, एचडी कुमार स्वामी, कनीमोझी, अलागिरि, जीके वासन, अनु टंडन, जगन मोहन रेडï्डी, पवन बंसल, फारूख अब्दुल्ला, अवतार सिंह भड़ाना, अनुराग ठाकुर, शरद पवार, ए राजा, तरूण गोगोई को भ्रष्ट बताया। केजरीवाल ने जनता से अपील की वह इनके खिलाफ वोट करें।
केजरीवाल ने कहा, उनकी सरकार के कामकाज से भ्रष्टाचार में कमी आई है। हालंाकि, भ्रष्टाचार कम होने में अभी समय लगेगा। जब जनलोकपाल बिल आएगा तब पूरा भ्रष्टाचार कम होगा। कम तीन पत्रकार मेरे कहने पर छह-साब विभागों में घूमे लेकिन उनसे किसी ने पैसे नहीं मांगे। जो काम 65 साल में नहीं हो सका, उसका हमने काफी कुछ एक महीने में हांसिल कर लिया। केजरीवाल ने कह विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा भाजपा कांग्रेस कहते रहे कि बिजली कंपनियों का ऑडिट नहीं हो सकता लेकिन पांच दिन में हमने ऑर्डर किया।
जनलोकपाल बिल पर गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय ने जताई आपत्तिअरविंद केजरीवाल के जनलोकपाल बिल को सदन में आने से पहले ही एक नया विपक्ष मिल गया है। जनलोकपाल बिल पर दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई। दिल्ली सरकार के गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय ने जनलोकपाल बिल के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि तमाम आपत्तियों को दरकिनार करते हुए केजरीवाल कैबिनेट आज बिल को पास कराने का मन बना चुकी है। लिहाजा इस बात की पूरी संभावना है कि बिल कैबिनेट में पास हो जाएगा।
इन अधिकारों को लेकर है आपत्तिदरअसल, नए बिल में लोकपाल या लोकायुक्त को काफी अधिकार दिए गए हैं। वह जांच के दौरान ही अधिकारी को सस्पेंड कर सकता है और सजा की भी सिफारिश कर सकता है। इन सजाओं में अधिकारी को हटाने, उसका डिमोशन करने और रैंक घटाने जैसे प्रावधान हैं। यहीं नहीं, यदि कोई अधिकारी लोकपाल के आदेश को नहीं मानता है तो उसे छह महीने के कारावास या जुर्माना या दोनों की सजा भी हो सकती है। लोकपाल को यह भी अधिकार होगा कि वह अरेस्ट वांरट भी जारी कर सकता है।
गृह मंत्रालय की आपत्ति
गृह मंत्रालय ने आपत्ति जताई है कि जांच करना, अभियुक्त बनाना और फैसला देना तीनों काम एक आदमी द्वारा कराना ठीक नहीं है। गृह मंत्रालय ने आपत्ति जताते हुए कहा है, जहां तक लोकायुक्त की किसी को जेल भेजने की ताकत की बात है तो यह प्रावधान सही नहीं है।
क्या प्रावधान होंगे केजरीवाल के जनलोकपाल बिल में
. जांच के दौरान लोकपाल या लोकायुक्त किसी अधिकारी को निलंबित कर सकता है। साथ ही हटाने, निलंबन और रैंक घटाने की सिफारिश भी कर सकता है।
. लोकपाल भ्रष्ट अधिकारियों की जमीन संपत्ति जब्त कर सकता है। आदेश नहीं मानने वाले सरकारी अधिकारियों को 6 महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों लगा सकता है।
. लोकपाल के सदस्यों के खिलाफ शिकायतें सुनने के लिए लोकपाल शिकायत प्राधिकरण होगा। प्रधिकरण में कम से कम दो और अधिकतम पांच सदस्य होंगे।
. लोकपाल के सदस्यों के खिलाफ दो महीने के अंदर शिकायतें तय की जाएंगी।
. व्हिसिल ब्लोअर को धमकी या खतरे की शिकायत पर तीन महीने के अंदर जांच पूरी होगी। दोषियों को अधिकतम उम्रकैद की सजा का भी प्रावधान है।
. भ्रष्टाचार से हुए नुकसान का पांच गुना तक जुर्माना दोषियों से वसूला जा सकता है।
. गलत नीयत से शिकायत की गई हो, तो लोकपाल अदालत 5 लाख तक जुर्माना और एक साल की कैद या फिर दोनों सजाएं दे सकती है।
. कानून लागू होने के 45 दिन के अंदर हर सरकारी अधिकारी को एक विशेष चार्टर बनाना होगा।
. जिम्मेदारी नहीं निभाने वाले सरकारी अधिकारी या शिकायत अधिकारी के वेतन से रोजाना अधिकतम 500 रूपए तक और कुल पचास हजार तक पेनल्टी काट सकता है।
केजरीवाल ने कहा बदमाशी कर रही है बिजली कंपनियां रद्द कर देंगे लाइसेंस
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और बिजली कंपनियों के बीच ठन गई है। कंपनियों के दिल्ली में बिजली कटौती करने के धमकी पर केजरीवाल ने कहा है कि बिजली कंपनियां बदमाशी कर रही हैं। यदि उन्होंने कटौती करने की कोशिश की तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही कहा कि देश में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों की कमी नहीं है, लिहाजा वे बदमाशी से बाज आए। इससे पहले बिजली कंपनियों ने धमकी दी है कि वे 1 फरवरी से यमुना पार और सेंट्रल दिल्ली के इलाकों में 8 से 10 घंटे की बिजली कटौती करेगी।