धार. मध्यप्रदेश के दो जिलों में तबाही मचने से पहले ही रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना के जवान और हेलीकॉप्टर पहुंच गए हैं, शुक्रवार देर रात करीब 2 बजे सेना ने पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है, हालांकि प्रशासन ने पहले ही कई गांव और नगर खाली करवा लिए, ताकि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हो, लेकिन अगर डैम फूटता है तो तबाही तो निश्चित मचेगी, इसलिए सेना के जवान और हेलीकॉप्टर मौके पर पहुंच गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की विपरित परिस्थति से भी निपटा जा सके।
धारा 144 लगाई, पल-पल का अपडेट ले रहे सीएम
धार डैम को बचाने के लिए सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है, धार के 11 और खरगोन के करीब 6 गांव खाली करवा लिए गए हैं, प्रशासन ने एतिहात के तौर पर धारा 144 लागू कर दी है, सीएम शिवराजसिंह चौहान मौके से पल-पल का अपडेट ले रहे हैं, डैम से पानी निकालकर डैम पर पानी का प्रेशर कम किया जा रहा है।
10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा
धार के धरमपुरी ब्लॉक में 303.44 करोड़ रुपए से बना बांध पहली बारिश में ही दरक गया। मामला भारूड़पुरा घाट के कोठिदा में कारम नदी पर बने डैम का है। इस बांध का अभी 70 फीसदी निर्माण पूरा हुआ है। पूरा बनने से पहले ही घटिया निर्माण की पोल खुल गई। सुरक्षा के मद्देनजर बांध के आसपास के 15 गांवों को अलर्ट कर 9 गांवों को खाली करा लिया गया है। 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है।
डैम को फूटने से बचाने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। 200 जवान रात 2 बजे मौके पर पहुंच गए हैं।इनमें सेना की इंजीनियरिंग विंग के 40 जवान और अफसर शामिल हैं। एनडीआरएफ के डीजी ने मध्यप्रदेश के एसीएस होम राजेश राजौरा को बताया कि एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीम (सूरत, वड़ोदरा, दिल्ली और भोपाल से एक-एक टीम) भी मौके के लिए रवाना कर दी गई है। हर टीम में 30-35 ट्रेंड जवान हैं। इंदौर संभाग और धार जिले के सभी संबंधित उच्च अधिकारी रात में धमनोद और बांध साइड पर ही रुकेंगे और बचाव कार्य का सतत निगरानी करेंगे।
मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल प्राथमिकता बांध को खाली करना है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
-एसएन मिश्रा, एसीएस, जल संसाधन
हमारी प्राथमिकता डैम की मरम्मत करवाना है, ताकि जान-माल का खतरा न हो। जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी करेंगे।
-तुलसी सिलावट, मंत्री, जल संसाधन