केंद्र सरकार सोमवार को संसद के चल रहे मानसून सत्र में बिजली संशोधन विधेयक, 2022 पेश कर सकती है। इस बिल का उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों के प्रवेश को सुनिश्चित करना है और पावर कंज्यूमर को टेलिकॉम सर्विस के लिए अधिक विकल्प भी मिलेंगे। पावर सेक्टर में बड़े सुधार के लिए लाए जा रहे इस बिल का पावर सेक्टर के कर्मचारी पहले ही विरोध कर रहे हैं और अब पंजाब सरकार ने भी ट्वीट कर इसका विरोध किया है। सीएम मान ने ट्वीट कर लिखा है कि वो सड़क से लेकर संसद तक अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।
भगवंत मान ने किया विरोध
पंजाब के सीएम ने ट्वीट कर लिखा, “Electricity Amendment Bill 2022 राज्यों के अधिकारों पर एक और हमला है। हम इस विधेयक को संसद में पेश किए जाने का कड़ा विरोध करते हैं। केंद्र सरकार राज्यों को कठपुतली न समझे, हम अपने हक के लिए सड़क से संसद तक लड़ेंगे।”
आज 27 लाख कर्मचारी करेंगे विरोध
आज Electricity Amendment Bill 2022 के खिलाफ पावर सेक्टर के करीब 27 लाख कर्मचारी और इंजीनियर विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) के एक बयान के अनुसार, ‘बिल एक ही क्षेत्र में एक से अधिक वितरण कंपनियों को लाइसेंस देने की अनुमति देगा जिससे प्राइवेट कंपनियों को अधिक लाभ मिलेगा और सरकारी डिस्कॉम को भारी घाटा होगा।’
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील भी की है। AIPEF के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा, ‘केंद्र सरकार संसदीय परंपराओं का उल्लंघन करते हुए बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 पेश करने जा रही है, जिससे पूरे देश के बिजली कर्मचारियों में भारी रोष है।’
क्यों हो रहा विरोध?
इस बिल से बिजली वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों को एंट्री मिल जाएगी और सरकारी कंपनियां ऐसा नहीं चाहती हैं। उनका मानना है कि इससे सरकारी कंपनियां घाटे में चली जाएंगी। AIPEF का कहना है कि बिल के अनुसार, “केवल सरकारी डिस्कॉम के पास यूनिवर्सल पावर सप्लाई का दायित्व होगा, इससे प्राइवेट लाइसेन्स वाले केवल इंडस्ट्रियल और कमर्शियल कंज्यूमर वाले क्षेत्रों में सप्लाइ करना पसंद करेंगे जहां उनको लाभ मिलेगा।”
AIPEF ने आगे कहा कि इस तरह से लाभ कमाने वाले क्षेत्र सरकारी डिस्कॉम से छीन लिए जाएंगे और सरकारी डिस्कॉम डिफ़ॉल्ट रूप से घाटे में चल रही कंपनियां बन जाएंगी। इससे आने वाले दिनों में जनरेटर से बिजली खरीदने के लिए पैसे नहीं होंगे।”