Wednesday, September 24

शहर की कई बस्तियों में हाईटेंशन का टेंशन, छत पर जाने से डरते हैं लोग

विदिशा। शहर की कई बस्तियाें में वर्षों हाईटेंशन लाइन का खतरा बना हुआ है। इस लाइन के तार घरों की छतों से होकर जाते हैं। इस लाइन का खौफ इतना की लोग अपने घरों की छतों पर नहीं जाते। खासकर बारिश में यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है। हाईटेंशन लाइन केे इस खतरे को दूर करने की एक पूर्व परिषद में जागी थी, इस दिशा में प्रयास भी हुए लेकिन बात टल गई और परिषद में प्रस्ताव पास होने के बाद भी इस अमल नहीं हो सका और यह खतरा अभी भी बना हुआ है।
मालूम हो कि शहर में हाईटेंशन लाइन से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में दुर्गानगर, कृष्णा कॉलोनी, करैयाखेड़ा मार्ग, आमवाली कॉलोनी, शिवनगर, हरिपुरा, आचार्य कॉलोनी, सुभाषनगर, इंद्रप्रस्थ कॉलानी आदि क्षेत्र है जहां लोगों के घरों की छतों के ऊपर से हाइटेंशन लाइन के तार निकले हुए हैं। यहां तक कि कुछ घरों के अंदर भी हाईटेंशन लाइन के खंभे है। रहवासियों का कहना है कि बारिश के दिनों में छतों पर नहीं पाते। सामान्य दिनों में भी इन तारों से हमेशा खतरा बना रहता है। हालत यह कि वर्षों बाद भी लोग चाहकर भी छत के ऊपर अपनी दूसरी, तीसरी मंजिल का निर्माण नहीं कर पा रहे और यह तार जान के लिए खतरा बने हुए हैं। क्षेत्र के रहवासी इस समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों से गुहार कर चुके पर नतीजा सिफर रहा, क्योंकि लाइन को शिफ्ट करना काफी बड़ा खर्चा है और यह बिना शासन के सहयोग के संभव नहीं हो पा रहा है।
सस्ते प्लाटों के फेर में फसे
रहवासी बताते हैं कि हाईटेंशन लाइन कई वर्ष पुरानी है, जबकि पिछले दो दशक में क्षेत्र का तेजी से विस्तार हुआ। कालोनाइजर खेतों को कॉलोनियों में बदलते रहे और लोग अपने घरों का सपना पूरा करने के लिए प्लाट खरीदते रहे और इन दो दशकों में यह क्षेत्र घनी आबादी में बदल चुके हैं। अब जरूरतों को ध्यान में रखते हुए घरों के विस्तार की जरूरत महसूस हो रही लेकिन अब इस लाइन के कारण छत पर निर्माण कार्य कराना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा इस लाइन से होने वाले हादसे भी लोगों को डराने लगे हैं।

पूर्व परिषद में उठा था मुद्दा, प्रस्ताव हुआ था पास

हाईटेंशन प्रभावित इन ब स्तियों में हर वर्ष होते हादसों को देखते हुए पूर्व नपा परिषद में यह मुद्दा उठा था और सभी पार्षदों ने एकराय होकर इस लाइन को शहर के बाहर किए जाने का प्रस्ताव पास किया। इसके बाद रहवासियों को यह उम्मीद बंधी थी कि वर्षों पुरानी यह डरावनी समस्या से लोगों को मु क्ति मिल सकेगी। इस लाइन को शिफ्ट करने के प्रयासों के तहत नपा ने विद्युत वितरण कंपनी को एस्टीमेट बनाकर देने को कहा था और यह भी तय किया गया था कि इस कार्य में जो खर्च आएगा वह राशि नपा विद्युत वितरण कंपनी को देगी, लेकिन अब चार वर्ष बीत गए और इस प्रस्ताव पर कार्य नहीं हो सका, जिससे खतरा यथावत बना हुआ है।

एक दशक में कई मौतें, कई घायल

क्षेत्र के पूर्व पार्षद ब्रजेंद्र वर्मा के मुताबिक पिछले एक दशक में में इन बस्तियों में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से कई मौत हो चुकी हैं और कई घायल हुए है। शिवनगर निवासी एक बालक छत पर खेलते समय घायल हुआ। आचार्य कॉलोनी में कुछ वर्ष पूर्व डिस्क की डोरी ठीक करते समय एक युवक करंट की चपेट में आने से घायल हुआ। इसी तरह इस कॉलोनी में तीन वर्ष पूर्व एक युवक छत पर हाईटेंशन लाइन का करंट लग गया था जिससे उसकी मौत हो गई थी। वर्मा के मुताबिक कृष्णा कॉलोनी क्षेत्र में भी पिछले 14 वर्ष के बीच कई मौतें हो चुकी है। हर वर्ष कोई न कोई करंट की चपेट में आता है और हादसे होते हैं।

शहर की बस्तियों में जहां भी हादसे होते हैं और हाईटेंशन का डर है। वहां से यह लाइन हटाई जाएगी। पूर्व परिषद में हमने इन लाइनों को शिफ्ट करने के लिए एमपीइबी को प्राकलन बनाने के लिए कहा था। नई परिषद को भी हमारा सुझाव रहेगा कि यह कार्य प्राथमिकता से किया जाए।

-मुकेश टंडन, पूर्व नपाध्यक्ष

हाईटेंशन लाइन को रहवासी बस्तियों से हटाने के लिए प्लान पूर्व में ही तैयार किया जा चुका है। उच्चस्तर पर निर्णयानुसार इस पर कार्य किया जा सकेगा।

-आरएस टेकाम, प्रबंधक, विद्युत वितरण कंपनी