Tuesday, September 23

1 अगस्त से लागू होगा ‘वाहन पोर्टल’, कहीं भी खरीदें गाड़ी, मिलेगा अपने जिले का नंबर

प्रदेश के परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआइसी) की सेवाओं को स्वीकार कर लिया है। इसी के तहत वाहन-4 पोर्टल 27 जुलाई से शुरू होना था। अब यह एक अगस्त से लागू होगा। इसकी वजह ऑटोमोबाइल डीलर्स की आइडी बनाने में कई जिलों में तकनीकी खामी बताई जा रही है। पहले भी 2-3 बार लॉन्चिंग की तारीख तय हो चुकी थी, लेकिन हर बार टाला गया। पोर्टल से काम शुरू होने के बाद गैर परिवहन वाहनों के पंजीयन और अस्थायी पंजीयन के आवेदन स्मार्ट चिप कंपनी द्वारा संचालित पोर्टल से लेना बंद कर दिए जाएंगे।

बताया जाता है कि जिन जिलों में पोर्टल सही चल रहा है, वहां ट्रायल के तौर पर चलाया जाएगा। एक अगस्त से यह प्रदेशभर में काम करने लगेगा। परिवहन विभाग ने ऑटोमोबाइल डीलर्स को पोर्टल की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी है। सभी जिलों के 818 डीलर्स शामिल थे। इंदौर एआरटीए अर्चना मिश्रा के मुताबिक इंदौर में 100 डीलर्स के यूजर आइडी बनाने हैं। इनका काम पूरा नहीं हो पाया। अन्य जगह भी ऐसी ही परेशानी है।

मप्र नहीं शामिल

संसद में दी गई जानकारी के अनुसार भारत सीरीज के तहत पंजीयन 15 सितंबर 2021 से होने लगे थे। 24 राज्यों ने इसे अपनाया था। इनमें मध्यप्रदेश शामिलनहीं था।

यह होगा फायदा

-देश के ज्यादातर राज्य पहले ही इस पोर्टल से जुड़ चुके हैं। अब मध्यप्रदेश जुड़ेगा। पोर्टल शुरू होने पर प्रदेश में कहीं भी वाहन खरीदने पर अपने जिले का वाहन पंजीयन नंबर लिया जा सकेगा। भारत सीरीज के तहत भी पंजीयन होने लगेंगे। डीलर्स स्तर पर ही पंजीयन की कार्रवाई हो जाएगी।

-यदि किसी ने भोपाल या इंदौर से वाहन खरीदा है और उसे सागर में पंजीयन कराना है तो अस्थाई पंजीयन करवाना पड़ता है। पोर्टल शुरू होने पर इसकीजरूरत नहीं पड़ेगी।

-व्यावसायिक वाहन का सत्यापन आरटीओ कार्यालय में कराना पड़ता है। अब इसके लिए वहां जाने की झंझट खत्म हो जाएगी।

-भारत सीरीज के तहत पंजीकृत वाहन मालिक का दूसरे राज्य में तबादला होने पर उस राज्य में वाहन की अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी।

-पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसी) कहीं से भी लिया जा सकेगा।

संजय कुमार झा, परिवहन आयुक्त का कहना है कि प्रदेश के कुछ जिलों में डीलर्स की आइडी बनाने में दिक्कत आ रही है, इसलिए अब पोर्टल को एक अगस्त से विधिवत शुरू किया जाएगा। अभी पांच दिन ट्रायल के रूप में चलाया जाएगा। पांच दिन तक पुरानी व्यवस्था भी जारी रहेगी। जहां दिक्कतें आ रही हैं, वहां सुधार किया जा रहा है।