आपने अब तक ड्रोन से फोटो और वीडियो बनाते देखा होगा। पुलिस प्रशासन इसको सुरक्षा में भी इस्तेमाल करते है। देश में पहली बार इंसान को लेकर हवा में उड़ने वाला ड्रोन तैयार हो गया। स्वदेश निर्मित पायलट-रहित ड्रोन को नौसेना के लिए बनाया है। वरुणा नाम के इस ड्रोन को एक स्वदेशी स्टार्टअप ‘सागर डिफेंस’ ने बनाया है। इंडियन नेवी इसका उपयोग एक जहाज से दूसरे जहाज में सामान पहुंचाने के लिए करेगी। पूरी तरह परीक्षण के बाद युद्ध में पहली बार भारतीय नौसेना युद्धपोतों पर इस्तेमाल करेगी। इसकी मदद से नेवी को काफी फायदा होगा। इसे रिमोट की सहायता से संचालित किया जाएगा।
इसमें पायलट की जरूरत नहीं
सागर डिफेंस के फाउंडर निकुंज पाराशर ने बताया कि यह देश का पहला इलैक्ट्रिक ह्यूमन कैरिंग प्लेटफॉर्म है। इसमें पायलट की जरूरत नहीं है। इसकी मदद से मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में किया जा सकता है। अभी इसे हम इंडियन नेवी के लिए बना रहे हैं। सभी परीक्षण पूरे होने के बाद इसका भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा। समुद्र में नेवी को अगर एक शिप से दूसरे शिप में सामान भेजना होता है तो दोनों को नजदीकी लाया जाता है। इसके बाद सामान पहुंचाया जाता है। इसकी मदद से नेवी को काफी फायदा होगा।
जानिए इसकी क्षमताएं
वरुणा में चार ऑटो पायलट हैं। अगर कुछ पंखे अगर फेल भी हो जाए तो भी यह काम करता रहेगा। यह एक बार उड़ान भरकर 25 किलोमीटर तक का सफर कर सकता है। उसकी उड़ान भरने की क्षमता 25 से 33 मिनट है। यह 130 किलो तक का सामान या लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है। जमीन से दो मीटर ऊपर उड़ भरेगा।
जल्द ही होगा समुद्री परीक्षण
वरुण ड्रोन का भूमि आधारित परीक्षण अभी चल रहा है। 3 महीनों में इसका समुद्री परीक्षण शुरू होगा। हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित ‘स्वावलंबन’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इसका प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान पायलट-रहित ड्रोन ने जमीन से लगभग दो मीटर ऊपर उड़ान भरी और फिर वापस उतरने से पहले आगे बढ़ गया।