नगर पालिका चुनाव के रविवार को आए नतीजों ने पिछले कई दिनों से मंथन-चिंतन और कयासों पर विराम लगा दिया है। अप्रत्याशी परिणाम गणना के बाद सामने आया है। जितने वार्ड बीजेपी के खाते में गए है उतने वार्डो में जीत तो बीजेपी के नेता भी नहीं मान रहे थे वहीं कांग्रेस के इस बार नपा में अपनी सरकार बनाने के मंसूबो पर पानी फिर गया। और पिछले चुनाव से भी ज्यादा बुरी हार कांग्रेस को इस चुनाव में झेलना पड़ी है। भाजपा-कांग्रेस ने इस बार चुनाव में कई दिग्गजों और उनके परिजनों को टिकिट दिया था। इसमें कई ने जीत हासिल की है लेकिन कई हार गए।
यहां दिग्गजों को मिली करारी मात
भाजपा ने जहां एकतरफा अंदाज में बहुमत हासिल करते हुए जीत हासिल की है लेकिन भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता वाला वार्ड हार गई। दरअसल, सांसद सुधीर गुप्ता शहर के वार्ड ७ में रहते है और यहां से कांग्रेस के तरुण शर्मा ने पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय मुरडिय़ा को अधिक मतों के अंतर से हराया है। तो वहीं वार्ड ८ में भी कांग्रेस को जीत मिली है। इस तरह सांसद अपना ही वार्ड नहीं जीतवा पाए है।
पूर्व नपाध्यक्ष व उपाध्यक्ष हारे चुनाव
इधर पूर्व नपाध्यक्ष व कांग्रेस के सालों से ब्लॉक अध्यक्ष हनीफ शेख को वार्ड ३४ में इस बार करारी हार का सामना करना पड़ा। और उनके वार्ड में निर्दलीय ने जीत हासिल की। वहीं पूर्व नपाध्यक्ष उपाध्यक्ष सुनील महाबली बागी होकर वार्ड ११ से पूर्व नपाध्यक्ष रामकोटवानी के खिलाफ लड़े थे वह चुनाव हार गए। तो एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सुनील बसेर की पत्नी प्रियंका बसेर वार्ड ३९ से बड़े अंतर से चुनाव हार गई। वहीं कई अल्पसंख्यक वार्ड में भी भाजपा ने सालों बाद जीत हासिल की है।
दिग्गजों ने हासिल की जीत
नपा के चुनाव में पूर्व गृहमंत्री कैलाश चावला की पुत्रवधु नम्रता चावला ने वार्ड १ से तो भाजपा किसान मोर्चा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर की पत्नी रमादेवी गुर्जर ने वार्ड ३ से तो वार्ड ३९ से पिछड़ा मोर्चा प्रदेश मंत्री धीरज पाटीदार की पत्नी भारती पाटीदार व वार्ड ६ से पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेश चंदवानी की पत्नी निर्मला चंदवानी ने जीत हासिल की।
२९ पर भाजपा, ८ पर कांग्रेस और ३ निर्दलीय जीतें
४० वार्डो वाली मंदसौर नगर पालिका में भाजपा ने एकतरफा अंदाज में बहुमत हासिल किया। भाजपा को २९ वार्डो में जीत मिली। तो वहीं कांग्रेस सिर्फ ८ सीट पर सीमट गई। पिछले चुनाव में कांग्रेस के १७ पार्षद थे लेकिन इस बार ८ तक ही रह गए। वहीं तीन सीटें निर्दलीय ने एकतरफा अंदाज में जीती है।