महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री व एनसीपी नेता अनिल देशमुख को एक बार फिर झटका लगा है। मुंबई में सीबीआई (Central Bureau of Investigation) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को अनिल देशमुख की याचिका को खारिज कर दिया है। देशमुख ने केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार (Corruption Case) के एक मामले में डिफ़ॉल्ट जमानत की मांग की थी।
सीबीआई कोर्ट ने मामले के दो अन्य आरोपियों- देशमुख के पूर्व निजी सचिव संजीव पलांडे और पूर्व निजी सहायक कुंदन शिंदे की याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है। तीनों आरोपियों ने इस आधार पर कोर्ट से डिफ़ॉल्ट जमानत मांगी थी कि सीबीआई ने 60 दिनों की अनिवार्य अवधि के भीतर चार्जशीट (Charge Sheet) दाखिल नहीं किया था और बाद में एजेंसी ने अधूरी चार्जशीट दायर की।
पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किए गए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता देशमुख (71) वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं और शहर की ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं। उनसे जुड़े धनशोधन (Money Laundering) के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भी की जा रही है।
इस साल अप्रैल में सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए देशमुख, उनके सहयोगियों पलांडे और शिंदे तथा बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे को हिरासत में लिया था।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिसकर्मियों को शहर के रेस्तराओं और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया था। हालांकि देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के बाद उन्हें अपने पद से हटना पड़ा था।