Thursday, September 25

भाजपा-कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची तैयार, बगावत के डर से ऐनवक्त पर होगी घोषणा

विदिशा. पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की गतिविधियां जोरों पर हैं। लेकिन दोनों ही चुनावों और दोनों ही दलों में खूब मचौना है। जिला पंचायत चुनाव में तो नामवापसी की तारीख बीत जाने के बाद भी भाजपा और कांग्रेस अपने समर्थित उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं कर पाए। भाजपा ने 19 में से मात्र 10 उम्मीदवारों की सूची जारी की, शेष नौ उम्मीदवारों में वे भी अपनी पार्टी के उन कार्यकर्ताओं को नहीं समझा पाए जो जिला पंचायत चुनावों में अपनों के खिलाफ ही लड़ाई में हैं। इसी तरह कांग्रेस की हालत तो और खराब है। वह अभी तक जिला पंचायत के किसी भी वार्ड में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर सकी है। उधर नगरीय निकाय के लिए नामांकन दाखिला शुरू हो गया, लेकिन अभी दोनों ही दल सर्वे और बैठकों की बातों में ही उलझे हैं। दरअसल दोनों दलों की सूचियां तैयार हैं, औपचारिकता की मोहर लगाकर घोषणा इस डर से नहीं की जा रही कि नाम घोषित होते ही बवाल मचना शुरू हो जाएगा, बगावत तेज हो जाएगी और दलों को डैमेज कंट्रोल के लिए उतरना होगा।

भाजपा की सूची 17-18 को संभावितनगर पालिका परिषद विदिशा की सूची पहले से तैयार हो चुकी है्, सोशल मीडिया पर भाजपा से ही जुड़े कुछ लोगों ने सांकेतिक नाम डालकर उसे वायरल भी किया है, लेकिन सूची को लटका रखा है। अब भाजपा मंडल से उम्मीदवारों के पैनल जिला भाजपा और फिर वहां से भाजपा कोर कमेटी में भेजने की बात कही जा रही है। लेकिन भाजपा नेता ये भी स्वीकार रहे हैं कि नाम तो लगभग तय है, बस अधिकृत घोषणा के लिए समिति की मोहर लगना है। दरअसल सूची इसलिए जारी नहीं की जा रही है कि अधिकृत घोषणा होते ही विरोध शुरू हो जाएगा, विरोध को ज्यादा समय न मिले, इसलिए नामांकन दाखिले के आखरी दिन या एक दिन पहले यानी 17-18 जून को जारी होगी नगरपालिका प्रत्याशियों की सूची।

भाजपा साध रही एक तीर से तीन निशाने

विदिशा नगरपालिका के पार्षदों की सूची में किसी एक नेता नहीं बल्कि कुछ बड़े नेताओं को साधने और उनके समन्वय की बात सामने आई है। यह भी हो रहा है कि कुछ बड़े नेताओं को 5-7 वार्ड देकर उनमें अपने चहेतों के नाम तय करने और उन्हें जिताने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें मुकेश टंडन, श्यामसुंदर शर्मा, तोरणसिंह, मनोज कटारे, मंडल अध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। वे ही अपने चंद नाम तय करेंगे और अपनी अनुशंसा वाले लोगों को जिताकर लाएंगे। इससे एक तीर से भाजपा तीन निशाने साधेगी। पहला यह कि किसी एक नेता के वर्चस्व का आरोप नहीं लगेगा, दूसरा सभी बड़े नेताओं को संतुष्ट कर उनके लोगों को टिकट दिया जा सकेगा और तीसरा यह कि किसी नेता से बगावत की आशंका नहीं रहेगी और अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए वे पूरा प्रयास करेंगे, इससे परिषद के अधिक पार्षद भाजपा के पहुंच सकेंगे।

कांग्रेस की सूची में विधायक का वर्चस्व

वहीं कांग्रेस में भी यही हाल है। अधिकांश नामों की सूची तैयार हो चुकी है। विदिशा नगरपालिका के लिए उम्मीदवारों की सूची में विधायक शशांक भार्गव का वर्चस्व है। अधिकांश नाम उनकी सहमति या उनकी ही अनुशंसा से तय किए गए हैं। हालांकि आवेदनों की औपचारिकता अभी भी निभाई जा रही है। संभव है कि ऐनवक्त पर कोई नाम बदल दिए जाएं। लेकिन कांग्रेस की सूची भी 15 जून के बाद ही जारी होने के आसार हैं।

प्रत्याशियों के आगे राजनैतिक दल भी बेबसयद्यपि पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहे हैं, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर नजर के चलते भाजपा और कांग्रेस हर वार्ड में अपने समर्थित उम्मीदवार घोषित कर आश्वस्त होना चाहती थी, लेकिन प्रत्याशियों की अति महत्वाकांक्षा के कारण यह संभव नहीं हो सका। भाजपा ने किसी तरह दस वार्ड में अपने समर्थित प्रत्याशियों की सूची जा रही कर दी, लेकिन शेष 9 वार्ड में वह अपने ही दलों के उम्मीदवारों से हार गई। संगठन ने प्रयास किए कि हर वार्ड से एक ही भाजपा का प्रत्याशी चुनाव में उतरे, लेकिन वह इस प्रयास में सफल नहीं हो सकी। कई प्रत्याशियों ने संगठन के प्रयासों को ताक पर रखकर चुनाव से पांव वापस खींचना ही उचित समझा। कांग्रेस की हालत इससे भी ज्यादा खराब है। वहां किसी वार्ड में अभी तक एका नहीं हो सका है। कुछ वार्ड तो ऐसे हैं जहां कांग्रेस के 4-4 उम्मीदवार मैदान में एक दूसरे केखिलाफ मैदान में हैं। फिर भी कांग्रेस कोशिश में है कि कुूछ वार्ड में अपने समर्थित उम्मीदवार घोषित कर अपनी लाज बचा ले, संभवत: कांग्रेस समर्थित कुछ जिला पंचायत प्रत्याशियों की सूची 14-15 जून को जारी कर दी जाए। लेकिन चुनाव लड़ने और अति महत्वाकांक्षा की इस होड़ में राजनैतिक दल भी अपने ही दलों के प्रत्याशियों के सामने खुद को बेबस समझ रहे हैं।

उम्मीदवारी की आस में नामांकन की तैयारी

नगरपालिका में अधिकृत पत्याशियों की घोषणा में समय लग रहा है। ऐसे में चुनाव लड़ने के सभी इच्छ़ुक लोग अपने-अपने वार्ड से कांग्रेस- भाजपा की ओर से खुद को प्रत्याशी मानकर उम्मीदवारी घोषित होने की आस में अपने नामांकन भरने की तैयारी में जुटे हुए हैं। कुछ ने सोमवार को भर भी दिए। इनमें से बहुत से पार्टी का टिकट न मिलने पर नाम वापस ले लेँगे, जबकि कुछ ऐसे होंगे जो पार्टी द्वारा उम्मीदवार न बनाए जाने पर भी अपना नामांकन वापस नहीं लेंगे और बी फार्म जमा न हो पाने पर खुद ब खुद निर्दलीय घोषित हो जाएंगे।