Wednesday, September 24

एक हजार से अधिक शस्त्र अभी भी घरों में

विदिशा। जिले में त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव होना है। इसके तहत शस्त्र धारियों से उनके शस्त्र संबंधित थाने में जमा कराए जाने के निर्देश दिए जा चुके लेकिन इसके बाद भी शस्त्र जमा होने का कार्य धीमी गति से चल रहा है। खासकर पंचायत चुनाव में जिसमें आपसी विवाद की आशंका अधिक रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए शस्त्रों को शीघ्रता से जमा कराया जाने की जरूरत हैं। वर्तमान िस्थति में देखें तो गुरुवार तक जिले के विभिन्न थानों में 3 हजार 631 शस्त्र जमा हुए जबकि शस्त्रों की कुल संख्या 4 हजार 729 होना मानी जा रही। इस तरह करीब 1 हजार 298 शस्त्र अभी भी लोगों के घरों में है और यह थाने में जमा नहीं हो पाए है।

मालूम हो कि आचार संहिता लागू होने के बाद सभी शस्त्र धारकों के शस्त्र जमा कराना अनिवार्य है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक भी एक सप्ताह पूर्व निर्देश देकर इस कार्य में किसी तरह की लापरवाही न करने एवं जमा होने वाले शस्त्रों को थानों में सुरक्षित स्थलों पर रखने के प्रबंध के किए जाने के निर्देश दे चुकी पर इस कार्य में अभी गति नहीं आई है। मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली थानांतर्गत लायसेंसी शस्त्रों में 560 में से गुरुवार तक करीब 269 शस्त्र जमा हुए जबकि सिविल लाइन थाने में 750 में से 429 लागों ने अपने शस्त्र जमा कराए हैं। करारिया थानांतर्गत 388 शस्त्रधारी है जिनमें से 382 लोगों ने अपने शस्त्र जमा कराए हैं। ग्यारसपुर में 196 में से 185 शस्त्र जमा हो चुके। बासौदा शहर थाने में 286 में से 231एवं देहात बासौदा में 156 में से 148 शस्त्र जमा हुए। त्योंदा थाने में 125 में से 64 लोग भी शस्त्र जमा कराने पहुंचे। गुलाबगंज में 175 में से 91 एवं सिरोंज में 215 में से 130, शमशाबाद में 320 में से 202 इसी तरह अन्य थानोंं में भी अभी शस्त्र जमा होना शेष है।
हैदरगढ़, दीपनाखेड़ा में सभी लायसेंसी शस्त्र जमा
मिली जानकारी के अनुसार जिले में हैदरगढ़ एवं दीपनाखेड़ा थाने ही ऐसे समाने आए जहां सभी लायसेंसी अपने शस्त्र जमा कर चुके हैं। हैदरगढ में कुल लायसेंसी शस्त्र 115 होना बताए गए यह सभी शस्त्र थानों में जमा हो चुके हैं। इसी तरह दीपनाखेड़ा थानांतर्गत 114 लायसेंसी शस्त्र है जिनमें सभी शस्त्र जमा हो चुके जबकि जिले के कुल 21 थानों में 19 थाने ऐसे जहां अभी 3 से लेकर 300 की संख्या में शस्त्र जमा होना शेष है।