खंडवा. आचार संहिता प्रभारी होने के बाद पुलिस की नजर से बचकर तस्करों का एक गिरोह पिस्टल की खेप लेकर सप्लाई करने जा रहा है। मुखबिर से खबर मिली तो कोतवाली पुलिस ने घेराबंदी करते हुए बाइक सवार गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ लिया। इनके कब्जे से 10 पिस्टल, दो कारतूस और बिना नंबर की एक मोटर साइकिल जब्त की गई है। शुक्रवार की सुबह गिरफ्त में आए इस गिरोह की हरकत का खुलासा एडिशनल एसपी सीमा अलावा ने किया है।
एएसपी अलावा ने बताया, एसपी विवेक सिंह ने पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव संबंधी आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के बाद अपराधियों की धरपकड़ में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत सीएसपी पूनमचंद्र यादव के निर्देशन में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।
जसवाड़ी के पास पकड़े तस्कर
पुलिस का कहना है कि शुक्रवार को थाना कोतवाली की टीम को मुखबिर से सूचना मिली की तीन व्यक्ति एक काले रंग की होंडा शाईन मोटर साइकिल से पिपलोद, गुड़ी से खंडवा तरफ बड़ी मात्रा में पिस्टल बेचने आ रहे हैं। सूचना पर थाना कोतवाली व सायबर सेलकी टीम ने जसवाड़ी के आगे रोड किनारे से संदिग्धो के घेराबंदी कर पकड़ा।
बुरहानपुर के तीनों आरोपी
पकड़े गए आरोपियों में धरम सिंह पिता राधेश्याम चंगड (25) निवासी ग्राम रगई थाना खकनार जिला बुरहानपुर, चरन पिता श्रीराम मोरे (23) निवासी ग्राम खड़की थाना खकनार जिला बुरहानपुर, सुनील उर्फ भूरा पिता भुवान सिंह डुडवे (21) निवासी ग्राम खोदरी थाना खकनार जिला बुरहानपुर हैं। तीनों के कब्जे से 10 नग देशी पिस्टल, 2 जिंदा कारतूस और एक बिना नंबर की काले रंग की मोटर साइकिलजब्त की गई है।
आइटीआइ पास है आरोपी
एएसपी अलावा ने बताया कि आरोपी चरन ने इलेक्टि्रकल ट्रेड से आइटीआइ किया है। जबकि उसके साथ पकड़े गए दोनों आरोपी मजदूर वर्ग से हैं। यह आरोपी थोक में पिस्टल खरीदने के बाद उन्हें फुटकर बेचते हैं। पता चला है कि आरोपी 5 हजार रुपए में पिस्टल खरीदने के बाद उसे 15 से 20 हजार तक में बेचते थे। चरन के खिलाफ पूर्व में आर्म्स एक्ट और सुनील के विरूद्ध चोरी का प्रकरण दर्ज हो चुका है। तीनों आरोपियों को पुलिस शनिवार को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेगी।
इस टीम को मिली सफलता
तस्करों को पकड़ने में कोतवाली थाना प्रभारी बलजीत सिंह, उप निरीक्षक प्रेम सिंह जामोद, प्रधान आरक्षक अमित यादव, आरक्षक अनिल वछाने, घनश्याम वास्कले, सायबर सेल से उप निरीक्षक रामप्रकाश यादव, प्रधान आरक्षक लतेश सिंह तोमर, राजेंद्र पांजरे, आरक्षक अरविंद तोमर, अमर प्रजापत, शेखर चौहान की अहम भूमिका रही।