Tuesday, September 23

BSP छोडकर दूसरी पार्टी में जाएंगे, मायावती के खास सतीश चन्द्र मिश्रा?

उत्तर प्रदेश में बसपा सुप्रीमो मायावती से सतीश चन्द्र मिश्रा के अंदुरुनी खटपट की सूचनाएँ लगातार आ रही हैं। वहीं सूत्रों का दावा है कि अब ये सार्वजनिक होने वाला है। इसका सही वक़्त दोनों ही लोकसभा के उपचुनाव में उन्हें किसी भी प्रकार से कोई तवज्जो नहीं दिया जाना बताया जा रहा। साथ ही पिछले चुनावों में हार का ठीकरा भी सतीश चन्द्र मिश्रा पर ही फोड़ा गया। यही कारण है कि वो मायावती का साथ छोडने का मन बना चुके हैं। ऐसे में सब कुछ ठीक रहा तो बसपा के मिशन से उनकी विदाई तय मानी जा रही है। लेकिन अब वो अपना राजनीतिक करियर कहाँ बनाएँगे, ये बहुत बड़ा प्रश्न है, क्यूंकी सतीश चन्द्र मिश्रा को जनता नेता के बजाए अच्छा वकील और मैनेजर मानती है। ऐसे में उनकी ज़रूरत किस पार्टी को है ये बड़ा प्रश्न है।

हालांकि अभी तक इस बात की आधिकारिक जानकारी नहीं हो सकी है कि, सतीश चन्द्र मिश्रा बसपा कब छोड़ेंगे? या वो कब तक इसे सार्वजनिक करेंगे। लेकिन जबसे बसपा में सतीश चन्द्र मिश्रा के करीबी रहे नकुल डूबे ने कांग्रेस जॉइन की थी। तब से ही चर्चाएँ तेज थीं कि ‘ सतीश चन्द्र मिश्रा कभी भी बसपा छोड़ सकते हैं। इस बारे में जब सतीश चन्द्र मिश्रा को कॉल किया गया तो उनका नंबर नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बताता रहा। ऐसे में सतीश चन्द्र मिश्रा जैसा बड़ा नाम कौन सी राजनीतिक पार्टी के नेटवर्क के साथ जुड़ेगा ये सभी के लिए बड़ा ही रोमांचक होगा।

पार्टी की डूबती हालत की जिम्मेदार मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती पर अक्सर उनके करीबी रहे लाल जी वर्मा, नासिमुद्दीन सिद्दीकी जैसे बड़े नेता अक्सर ही उनके गलत फैसलों पर ऐतराज जताकर उनका विरोध कर रहे हैं। लेकिन सतीश चन्द्र मिश्र ने उनके नक्शे कदम चलते हुए मायावती की हाँ में हाँ मिलाई जिससे वो लगातार पार्टी में विरोध के बावजूद बचे रहे। जबकि पूरी पार्टी के गैर सवर्ण नेता अक्सर उनसे नाराज ही रहे। इसके पीछे एक बड़ा कारण मायावती का उनपर सबसे ज्यादा भरोसा भी है। लेकिन लगातार चुनावों में मिलती हार से मायावती काफी निराश हुई। अब रिश्तो में तल्खी दिखाई दे रही है।
सतीश चन्द्र मिश्रा पर पार्टी की विचारधारा से उलट काम करने का आरोप
बसपा में राज्यसभा सांसद रहे सतीश चन्द्र मिश्रा को मयवाती के बाद सबसे बड़ा शक्तिशाली नेता जाना जाता है। हालांकि बहुत कम ही उनकी पहचान नेता के रूप में है। उंक्की पहचान सबसे ज्यादा एक वकील और मायावती के सलाहकार के तौर पर देखि गई है। जिसमें वो मायावती के करीब तक किसी अन्य नेता को नहीं जाते थे। यही वजह है कि पार्टी में दलित मिशन से जुड़े लोगों में उनको लेकर नाराजगी देखी जाती रही है।
बहुजन समाज पार्टी के नंबर दो पोजीशन के नेता सतीश मिश्रा की बसपा से विदाई हो रही है। बसपा का भाजपा के साथ लगातार बनें रहना और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलावकात नहीं करना। जैसे बड़ी समस्याऑ के बीच बसपा के इस सबसे बड़े ब्रामहन नेता ने मायावती से दूरी बनाते हुए अब कांग्रेस में बातचीत तेज कर दी है। सूत्रो की मानें तो बसपा अब अपने अंतिम दौर में है।