Thursday, September 25

इस वर्ष मानसून की गिरेगी झमाझम बौछार, पश्चिमी विक्षोप से गर्मी की तपिश में नहीं आए बदलाव

अनूपपुर। जिले में लगातार तीन माह से तप रही धरती और हीट वेव में पश्चिमी विक्षोप से आंधी-तूफान और ओलावृष्टि के प्रभाव नहीं पडऩे की दशा में इस वर्ष बेहतर मानसूनी बारिश के आसार जताए जा रहे हैं। मौसम विभाग से सम्बंधित जानकारों ने इस वर्ष शत-प्रतिशत मानसून के सक्रिय होने की संभावनाए जताई है। वहीं कृषि विभाग ने भी गर्मी से तपी खेत और मानसून में पडऩे वाली बौछार में खरीफ की अच्छी पैदावार होने की बात कही है। किसानों में भी मानसून को लेकर खुशी का माहौल बना हुआ है। किसानों का कहना है कि इस वर्ष मानसून अपने निर्धारित समय पर प्रदेश में सक्रियता दिखाएगी। इससे समय पर खेतों में बुवाई और बेहतर पैदावार के साथ फसल की कटाई की जा सकेगी।
अधीक्षक-भू-अभिलेख कार्यालय अधिकारी एसएस मिश्रा ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष शत प्रतिशत से अधिक मात्रा में बारिश होगी। चूंकि जून माह बारिश के आंकड़ा संग्रहण का शुरूआती महीना होता है, इसलिए पिछले वर्ष १ जून २०२१ से ३० मई २०२२ तक जिले में ९८.७ प्रतिशत बारिश हुई है। जिसमें अमरकंटक सर्वाधिक १९५१.१ मिमी वर्षा सहित कुल १२९०.२ मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि जिले की सामान्य औसत बारिश की मात्रा १३०६.५ मिमी है। इससे पूर्व १ जून २०२० से ३१ मई २०२१ तक १३४१.८ मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई थी, जो वर्तमान बारिश से ५१.६ मिमी वर्षा अधिक है। उनका कहना है कि पूर्व में होली के पर्व के उपरांत रबी की कटाई से मौसमी चक्र में बदलाव की स्थिति बनती थी। इसमें आंधी-तूफान और ओलावृष्टि होने से मानसून के लिए तैयार वातावरण प्रभावित होता था। वातावरण में नमी के कारण मानसून के लिए बेहतर गर्मी का सिलसिला बना रहे में टूट बना रहता था। यह स्थिति मानसून की सक्रियता तक तबाही के रूप में बनी रहती थी। इससे मानसून शुरूआती दौर में सप्ताहभर बरसने के बाद ७-१० दिनों का अंतराल बन आता है। इससे खरीफ की बुवाई या रोपाई प्रभावित होती है। लेकिन इस वर्ष जिस तरह से मौसम में गर्मी का सिलसिला बना रहा और बाहरी मौसम के हस्तक्षेप नहीं हुए है। फिलहाल बारिश के पूर्वानुमानों को लेकर किसान खेतों में खरीफ की तैयारी में जुट गए हैं, वहीं विभाग किसानो के लिए खाद, बीज की व्यवस्थाओं में जुट गया है।
पिछले वर्ष और वर्तमान वर्ष में बारिश के आंकड़े
वर्षामापी केन्द्र १जून २०२१ से ३१ मई २०२२ १जून २०२० से ३१ मई २०२१
अनूपपुर १४३१.५ १३४०.४
कोतमा ११२४.७ ११९६.१
जैतहरी १२६८.३ ११८५.७
पुष्पराजगढ़ ११०८.५ १३३५.३
बिजुरी ११८३.६ ११२३.३
वेंकटनगर १३१२.४ १५०३.१
बेनीबारी ९४१.८ ११४७.९
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कुल वर्षा १०३२१.९ १०७३४.८
जिले में औसत वर्षा १२९०.२ १३४१.८ मिमी
कृषि विभाग ने १ लाख ८४ हजार हेक्टेयर खरीफ के लिए रखा लक्ष्य
उपसंचालक कृषि एनडी गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष मानसून के शत प्रतिशत की संभावना है। इसे लेकर इस वर्ष १ लाख ८४ हजार हेक्टेयर रकबा खरीफ के लिए लक्षित किया गया है। जिसमें धान१०५.९५ हेक्टेयर, मक्का १४.७२ हजार हेक्टेयर, ज्वार २०0 हेक्टेयर, कोदो २०.१५ हजार हेक्टेयर, उड़द ८.९० हजार हेक्टेयर, मूंग १.२० हजार हेक्टेयर, अरहर १५.३४ हजार हेक्टेयर, कुल्थी ५०० हेक्टेयर, तिल २.९९ हजार हेक्टेयर, रामतिल ७.८६ हजार हेक्टेयर, मूंगफली १.३० हजार हेक्टेयर, और सोयाबीन ५.६१ हजार हेक्टेयर हैं।
वर्सन:
वैज्ञानिक आंकलनों में इस वर्ष शत प्रतिशत मानसून की संभावनाएं जताई जा रही है। जल्द ही इसकी सक्रियता बनेगी, जिसे लेकर किसान खरीफ की तैयारी में अभी से नर्सरी और छिटवां बुवाई की तैयारी में जुटे हुए हैं।
एनडी गुप्ता, उपसंचालक कृषि विभाग अनूपपुर।