Friday, September 26

जुलाई में होगा मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र, ऐसी है तैयारी

भोपाल. विधानसभा का वर्षाकालीन सत्र 11 जुलाई से शुरू होने की संभावना है। सरकार ने विधानसभा सचिवालय को प्रस्ताव भेजा है। राज्यपाल की हरी झंडी के बाद अधिसूचना जारी होगी। 22 जुलाई तक प्रस्तावित सत्र में 10 बैठकें तय की गई हैं।

सत्र में सरकार की घेराबंदी के लिए कांग्रेस ने रणनीति के साथ काम शुरू किया है। डॉ. गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद यह पहला सत्र है। इसे लेकर उन्होंने तैयारी शुरू की है। विधायकों से जिलेवार सरकार के काम-काज, घोटाला और सरकारी धन के दुरुपयोग की जानकारी मांगी है। पूछा गया है कि सरकारी घोषणाओं और योजनाओं की जमीनी हकीकत क्या है।

सरकार के खिलाफ आरोप पत्र की तैयारी

कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ आरोप पत्र लाने की तैयारी की है। आरोप तय करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तेजी से काम शुरू किया है। आरोप पत्र समिति का गठन भी किया जा चुका है। समिति मुद्दों पर जिलाऔर विधानसभावार जानकारी जुटा रही है।

एमपी में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए का दबाव

इससे पहले प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने मध्यप्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की माग की थी। इसके लिए कांग्रेस सरकार पर दबाव भी डाल रही थी। कांग्रेस ने निकाय चुनाव बिना ओबीसी के कराए जाने के सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद सरकार पर हमला बोला था। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, कमलेश्वर पटेल ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलना चाहिए, कमलनाथ सरकार ने इस वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया था, लेकिन भाजपा सरकार में इस वर्ग को इससे भी वंचित होना पड़ रहा है। सरकार वास्तव में ओबीसी आरक्षण के पक्ष में हो तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस पर चर्चा कराई जाए। सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित केन्द्र को भेजा जाए। संविधान में भी संशोधन हो। हालांकि सरकार की तरफ से इस मांग को दरकिनार कर दिया गया।