Wednesday, September 24

सड़कों पर ट्रक बनकर घूम रही 50 से अधिक ट्रॉलियां

विदिशा। शहर में अब ट्रालियों का स्वरूप बदलता जा रहा है। पहले इन ट्रालियों का स्वरूप छोटा था फिर इनका आकार कुछ बढ़ा और अब ट्रॉलियां ट्रक के रूप में दिखाई देने लगी है। इनसे अनाज परिवहन का कार्य भी तेजी से किया जाने लगा। जिससे वैध रूप से परिवहन का कार्य करने वाले ट्रक व अन्य वाहन संचालकों में नाराजी बढ़ रही है। इन वाहन संचालकों का कहना है कि 50 से अधिक ट्रालियां है जो परिवहन का कार्य कर रही है। इस अवैध परिवहन से उनका नुकसान हो रहा है।

मालूम हो कि यह मुद्दा कई बार प्रशासनिक बैठक मेें उठ चुका पर किसी रह की सक्रिय कार्रवाई नहीं होने से परिवहन का यह अवैध कारोबार जारी है। ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन से जुड़े ट्रक संचालकों का कहना है कि ट्रालियों का आकार बढ़ाकर भारी मात्रा में अनाज का परिवहन कार्य लगातार बढ़ रहा जबकि यह कार्य कामर्शियल में आता है। इसके बाद भी ट्रालियों से परिवहन करने वाल न तो कामर्शियल टेक्स भरते हैं न ही इनके पास लायसेंसी वाहन चालक है और न ही इन्हें जीएसटी का हिसाब किताब रखना पड़ रहा इसके बाद भी इन्हें परिवहन की खुली छूट मिली हुई जिस पर रोक लगना चाहिए।

30 क्विंटल की ट्राली 100 क्विंटल की हो चुकी
परिवहन के इस अवैध कारोबार पर ध्यान नहीं दिए जाने से पहले 30 क्विंटल की क्षमता वाली ट्राली अब 100 क्विंटल क्षमता की हो चुकी और इनसे धड़ल्ले से एवं बिना रोकटोक परिवहन का कार्य चल रहा जिससे न केवल ट्रांसपोर्ट संचालकों को नुकसान हो रहा बल्कि शासन को भी कामर्शियल वाहनों से मिलने वाले विभिन्न टैक्स का नुकसान उठाना पड़ रहा वहीं कामर्शियल वाहनों पर जो नियम लागू है उसका भी पालन नहीं हो रहा है।

अनाज के परिवहन में हो रहा ट्रालियों का उपयोग

ट्रांसपोर्ट संचालकों का कहना है कि ज्यादातर अनाज व्यवसाय में इन ट्रालियों का उपयोग हो रहा है। अनाज मंडी से गोडाउन व अन्य स्थानों पर ट्रकनुमा ट्रालियों से यह अवैध परिवहन हो रहा जबकि ट्रांसपोर्ट संचालक इस कार्य के लिए वैध होने के बाद भी उन्हें खाली हाथ बैठना पड़ रहा है और प्रशासन की लगातार अनदेखी के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा।
दो माह पूर्व हुई थी बैठक पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार दो माह पूर्व कलेक्ट्रेट में सउ़क सुरक्षा संसदीय समिति की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था जिसमें शहर में चल रहे अनाज से भरे ओवरलोड ट्रेक्टर-ट्रालियां के संबंध में चर्चा हुई थी। वहीं अवैध ट्रेक्टर-ट्रालियों पर के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा गया था। इस संबंध में मंडी प्रांगण में बैठक कर समस्या को दूर करने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन यह बैठक दो माह बाद भी नहीं हो सकी और यह अवैध कारोबार सतत जारी है।

यह गंभीर मुद्दा है। परिवहन करना ट्रक संचालकों का अधिकार है लेकिन अवैध परिवहन के कारण इस कार्य में लगे वाहन संचालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस संबंध में कई बार मुद्दा उठाया जा चुका लेकिन कोइ ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
-संजय भंडारी, पूर्व अध्यक्ष ट्रक एसोसिएशन

व्यापारी मंडी से अपना अनाज गोदाम तक लाने के लिए इस तरह की ट्रालियों का उपयोग करते हैं। हजारों क्विंटल अनाज की ढुलाई 35-40 क्विंटल क्षमता की ट्रॉलियों से करने में समय अधिक लगता है। इसलिए बड़ी ट्रालियों का उपयोग परिवहन में करते हैं। मंडी में जब तक प्लाट का मसला और गोदाम नहीं बनेंगे तब तक इस तरह परिवहन करना अनाज व्यापारियों की मजबूरी है।

-राधेश्याम माहेश्वरी, अध्यक्ष अनाज तिलहन संघ

-इस मामले में व्यापारियों व संबंधितों के साथ बैैठक की जाएगी। नियम विरुद्ध कोई परिवहन कार्य होने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। सभी ट्रेक्टर ट्रालियों में नंबर हों और पीछे रेडियम पट्टी लगी हो इस दिशा में भी ध्यान दिया जाएगा।
-गिरिजेश वर्मा, जिला परिवहन अधिकारी