Wednesday, September 24

समर्थन मूल्य पर चना खरीदी, 68 करोड़ की राशि का भुगतान शेष

विदिशा। किसानों की आफत कम नहीं हो रही है। जहां गेहूं कि किसान समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने के बाद काफी दिनों से भुगतान का इंतजार कर रहे वहीं चने की खरीदी में भी ऐसा ही हाल है। किसानों को चना बेचने के बाद एक माह तक भुगतान का इंतजार करना पड़ रहा है और चने का अभी करीब 68 करोड का भुगतान होना शेष बना हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार जिले में 21 मार्च से 71 केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर चने की खरीदी शुरू की गई थी। समर्थन मूल्य 5230 रुपए होने से बड़ी संख्या में किसान इन खरीदी केंद्रों पर अपना चना बेचने पहुंचे उन्हें उम्मीद थी उन्हें समय पर राशि का भुगतान हो जाएगा लेकिन चना बेचने के बाद उन्हें भुगतान के लिए संघर्ष करना पड़ा। शिकायतें व आंदोलन करना पड़ा। इसके बाद करीब एक माह बाद उन्हें राशि का भुगतान शुरू हो पाया लेकिन अभी भी सैकड़ों किसानों को भुगतान का इंतजार है। किसान नेता गोविंदसिंह राजपूत ने बताया कि उनके गांव हरुखेड़ी के भूपेंंद्र सिंह, उदयसिंह, वीरसिंह आदि किसानों को करीब एक माह बाद भुगतान हो पाया। इसके लिए किसानों को कई बार शिकायतें करना पड़ी आंदोलन की चेतावनी तक देना पड़ी और अभी भी सैकड़ों किसानों को समर्थन मूल्य पर बेची उपज का भुगतान नहीं हो पा रहा इससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।

23 हजार पंजीयन अभी तक 11 हजार ने बेचा चना

चना उपज बेचने के लिए जिले में 23 हजार 985 किसानों ने अपना पंजीयन कराया, लेकिन भुगतान में देरी की िस्थति के चलते किसानों की खरीदी केंद्र से दूरियां बढ़ती गई और अभी तक 11 हजार 387 किसान ही समर्थन मूल्य पर अपना अनाज बेच पाए हैं और अब खरीदी केंद्रों पर सन्नाटा पसरने लगा है। भुगतान में लेतलाली के कारण किसानों का रुझान अनाज मंडी की तरफ बढ़ा और नकद भुगतान की चाह में वे अनाज मंडी पहुंंचने लगे हैं। इससे हालत यह की करीब 20 खरीदी केंद्र समय पूर्व बंद होने की कगार पर आ गए हैं और करीब 6 खरीदी केंद्रों पर तीन दिन से खरीदी शून्य बनी हुई है।

179 करोड़ में से 111 करोड़ का भुगतान
इधर कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी तक 11 हजार 387 किसानों से करीब 3 लाख 43 हजार 846 क्विंटल चना की खरीदी हुई है। इसमें 175 करोड़ रुपए का भुगतान होना था जिसमें से 112 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अधिकांश किसान अपनी उपज बेच चुके हैं और अब खरीदी केंद्रों पर औसतन करीब 10 क्विंटल तक खरीदी हो पा रही है। जबकि किसानों को अब तक 30 हजार 736 एसएमएस भेजे गए और 5 हजार 978 सेकेंड एसएमएस भेजे गए हैं।

करीब 20 दिन पूर्व करारिया चौराहा वेयर हाउस पर 30क्विंटल चना तुलवाया था, जो करीब डेढ़ लाख का था, लेकिन अब तक राशि भुगतान नहीं हुआ है। वहीं गेहूं बेचने में पहला किसान होने के नाते खरीदी केंद्र पर मेरा सम्मान हुआ पर भुगतान अब नहीं मिला है। करीब 2 लाख 48 हजार का भुगतान रुका हुआ है।

-गजेंद्र रघुवंशी, किसान, कोठीचार कला

इस वर्ष खरीदी केंद्र पर अनाज बेचने के बाद भुगतान में किसान जितना परेशान हुआ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। भुगतान में देरी के कारण 90 प्रतिशत किसान ओवरड्यू हो गए हैं और उन्हें केसीसी ऋण में शून्य प्रतिशत ब्याज के स्थान पर अब 14 प्रतिशत तक ब्याज भुगतना पड़ रहा है। शादी विवाह के आयोजन होने से किसानों को दूसरों से कर्ज तक लेने की नौबत बन रही।
राजेश यादव, किसान नेता

चना खरीदी का भुगतान लगातार जारी है। हर दिन किसानों को भुगतान किया जा रहा जो शेष रह गए उन्हें भी शीघ्र ही राशि प्राप्त हो जाएगी। जो किसान अपना चना अभी तक नहीं बेच पाए वे बदलते मौसम एवं खरीदी की तारीख को ध्यान में रखते हुए 31 मई से पहले अपना चना केंद्र में बेंच लें ताकि अंतिम तारीख में किसानों को काेई असुविधा न हो।

-पीके चौकसे, उप संचालक, कृषि विभाग