यूपी में आजकल एक तरफ ज्ञानवापी मस्जिद तो एक तरफ श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद इस वक्त चर्चा में है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह प्रकरण में भी लगातार सरगर्मियां बनी हुई है। सोमवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा की कोर्ट में 2 प्रार्थना पत्र दखिल किए गए। एक प्रार्थना पत्र में मांग की गई कि, जून की छुट्टियों से पहले ही अमीन कमीशन की नियुक्ति करा ईदगाह का सर्वे करा दिया जाए। दूसरे प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि, ईदगाह को गर्भगृह मानकर उसे यमुना और गंगाजल से शुद्ध करने का अधिकार दिया जाए। कोर्ट ने दोनों ही मामलों की सुनवाई एक जुलाई तय की है।
प्रतिवादी नष्ट कर सकते हैं सबूत
सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में सौरभ गौड़ के वाद 950/20 में प्रार्थनापत्र देकर मांग की गई है कि ठा. केशवदेव जी महाराज 13.37 एकड़ के स्वामी हैं। इनके भव्य मन्दिर को औरंगजेब ने तुड़वाकर मन्दिर के ही पत्थरों से ही उस जगह एक ढांचा बनवा दिया था। जिसे ईदगाह कहा जाता है। ढांचे के पत्थरों पर पच्चीकारी हिन्दू स्थापत्य कला है। इसे विभिन्न पत्थरों पर देखा जा सकता है। कोर्ट में 1 से 30 जून के बीच ग्रीष्मावकाश होगा। तो इस पर 1 जुलाई को सुनवाई होगी। अर्जी में आशंका जताई गई है कि, कोर्ट के ग्रीष्मावकाश में प्रतिवादी सबूत नष्ट कर सकते हैं। दूसरी ओर, शाही ईदगाह कमेटी के पदाधिकारीगण इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
गंगा-यमुना के जल से धोने की मांगी अनुमति
इसी कोर्ट में अखिल भारत हिन्दू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने वाद संख्या 174/21 में प्रार्थनापत्र देकर दावा किया कि, जिस स्थान पर शाही मस्जिद ईदगाह है वास्तव में वहीं भगवान कृष्ण का प्राचीन गर्भगृह है। ईदगाह में मौजूद गर्भगृह को उन्हें गंगा और यमुना के जल से धोकर पवित्र करने की अनुमति दी जाए।