प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अबकी जनता ने घोटाला कर दिया है। आधार कार्ड के आधार पर तीन लाख 15 हजार 10 किसान अपात्र पाए गए हैं। मतलब ऐसे किसान जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पात्र नहीं है वो भी सरकार की इस योजना का लाभ ले रहे हैं। ऐसे कथित लाभार्थियों की पहचान कर ली गई है। और अब यूपी सरकार इन सभी कथित लाभार्थियों से पैसे की वसूली करेगी। सरकार ने एक मौका दिया है कि, वे स्वेच्छा से लाभ में मिले धन को सरकार के खाते में जमा करा दें। अगर ये अपात्र लाभार्थी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का धन नहीं वापस करते हैं तो सख्त कार्रवाई होगी। जानकारी के अनुसार यूपी सरकार अपात्र किसानों से 6 अरब 30 करोड़ 2 लाख रुपए की वसूली करेगी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ई-केवाईसी अनिवार्य
सभी किसानों को इस वक्त प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 11वीं किस्त का इंतजार है। और पूरी उम्मीद है कि, नई किस्त 30 जून तक किसानों के खाते में आ जाए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 11वीं किस्त में देरी इसलिए हो रही है कि, सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने वालों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है। किसान ई-केवाईसी का वेरिफिकेशन 31 मई तक ही करा सकते हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना कब शुरू हुई?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को हुई थी। इसके तहत किसानों को साल भर में 6000 रुपए का लाभ सीधे उनके बैंक खाते में दिया जाता है। हर 4 महीने में किसान को 2000 रुपए की किस्त दी जाती है।
अपात्र किसानों से वसूली करें डीएम
उत्तर प्रदेश में 2.55 करोड़ किसान पीएम सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं। योजना में हुई गड़बड़ी मिलने पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसकी समीक्षा करके अपात्र किसानों से वसूली करके केंद्र सरकार के खाते में धनराशि जमा कराएं।
यूपी में 2.55 करोड़ किसानों में से 6.18 लाख किसानों की अगली किश्त डेटा बेस में आधार संख्या गलत दर्ज होने या आवेदनपत्र में नाम, आधार कार्ड में दर्ज नाम में भिन्नता है इसलिए रुकी हुई है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि किसानों का डेटा सुधार करते हुए लंबित प्रकरणों का निस्तारण कराया जाए। इसके लिए राजस्व व कृषि विभाग की टीम बनाकर शत-प्रतिशत सत्यापन 30 जून तक पूरा कराएं।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि सभी लाभार्थियों का 31 मई तक ई-केवाइसी पूरा कराया जाए। अभी तक केवल 53 प्रतिशत लाभार्थियों का ही ई-केवाइसी पूरा हुआ है। पीएम किसान पोर्टल पर अब तक 80258 किसानों के नए आवेदन मिले हैं।