भोपाल। आम की कीमतों से उपभोक्ताओं की जेब खाली हो रही है। गत वर्ष की तुलना में इस बार आम की आवक आधी से भी कम हो रही है। स्थानीय होलसेल मंडी में बमुश्किल 30 फीसदी आम आ रहा है। इसका कारण आम की पैदावार इस साल बेहद कमजोर होना है।
उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसम आंधी-तूफान ने उत्पादन पर असर डाला है। फल विक्रेताओं ने भी इस पर चिंता जताते हुए कहा कि महंगा होने के कारण ग्राहकों की क्रय शक्ति कमजोर हुई है। वे उतना ही ऑर्डर कर रहे हैं कि जितना की खपत हो सकें।
बादाम, तोतापरी की ही आवक
मंडी में इस समय दक्षिण भारत के विजयवाड़ा, दामनचूर से बादाम एवं तोतापरी की आवक हो रही है। बादाम होलसेल में 60 से 70 रुपए किलो बिक रहा है जबकि रिटेल में इसके दाम 100 से 120 रुपए बोले जा रहे हैं। इसी प्रकार तोतापरी आम थोक में 30 से 40 रुपए तथा रिटेल में 60 से 80 रुपए किलो के भाव बताए जा रहे हैं।
मंडी में इस समय दक्षिण भारत के विजयवाड़ा, दामनचूर से बादाम एवं तोतापरी की आवक हो रही है। बादाम होलसेल में 60 से 70 रुपए किलो बिक रहा है जबकि रिटेल में इसके दाम 100 से 120 रुपए बोले जा रहे हैं। इसी प्रकार तोतापरी आम थोक में 30 से 40 रुपए तथा रिटेल में 60 से 80 रुपए किलो के भाव बताए जा रहे हैं।
फल कारोबारियों के मुताबिक मंडी में पिछले दो-तीन दिन से गुजरात का केसर आम भी आने लगा है जो थोक में ही 110 से 130 रुपए बिक रहा है। खुले बाजार में आने पर इसके भाव 200 रुपए तक पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
इतनी हो रही आवक
स्थानीय थोक मंडी में बादाम आम की आवक 300 से 400 टन और तोतापरी की आवक 80 से 100 टन की हो रही है। कारोबारियों का कहना है कि गत वर्ष इन्हीं दिनों में बादाम 800 से 1000 टन तथा तोतापरी की 400 से 500 टन की आवक हो रही थी।
गत वर्ष बादाम के भाव थोक में 30 से 35 रुपए किलो तथा खुदरा में 50 से 60 रुपए किलो थे। इसी प्रकार तोतापरी 20 से 25 रुपए एवं रिटेल में 30 से 40 रुपए तक क्वालिटीनुसार बिक रहा था।
उत्तर प्रदेश से आवक 15 दिन बाद
उत्तरप्रदेश (यूपी) में बड़ी मात्रा में आम की पैदावार होती है, लेकिन इस साल वहां भी आम की फसल कमजोर बताई जा रही है। आम के होलसेल कारोबारी संतोष गुप्ता बताते हैं कि बेमौसम आंधी-तूफान एवं बारिश ने आम की फसल को सभी तरफ काफी नुकसान पहुंचाया जिसका असर कमजोर पैदावार के रूप में देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि यूपी से दशहरी, लगड़ा और चौसा की आवक अगले 10 से 15 दिनों में शुरू हो जाएगी।
उत्तरप्रदेश (यूपी) में बड़ी मात्रा में आम की पैदावार होती है, लेकिन इस साल वहां भी आम की फसल कमजोर बताई जा रही है। आम के होलसेल कारोबारी संतोष गुप्ता बताते हैं कि बेमौसम आंधी-तूफान एवं बारिश ने आम की फसल को सभी तरफ काफी नुकसान पहुंचाया जिसका असर कमजोर पैदावार के रूप में देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि यूपी से दशहरी, लगड़ा और चौसा की आवक अगले 10 से 15 दिनों में शुरू हो जाएगी।
टैक्स पर भी असर…
आम की आवक कमजोर होने से मंडी टैक्स पर भी असर देखने को मिल रहा है। हालांकि अभी पूरी तरह से आम आना शुरू नहीं हुआ है, फिर भी करीब 50 प्रतिशत टैक्स आम से कम मिल रहा है। आवक बढऩे से टैक्स में वृद्धि होगी। आम पर डेढ़ फीसदी टैक्स लगता है।
– आरएस बघेल, मंडी सचिव, भोपाल
आम की आवक कमजोर होने से मंडी टैक्स पर भी असर देखने को मिल रहा है। हालांकि अभी पूरी तरह से आम आना शुरू नहीं हुआ है, फिर भी करीब 50 प्रतिशत टैक्स आम से कम मिल रहा है। आवक बढऩे से टैक्स में वृद्धि होगी। आम पर डेढ़ फीसदी टैक्स लगता है।
– आरएस बघेल, मंडी सचिव, भोपाल