विदिशा। विदिशा शहर भले ही वर्षों बाद आदर्श शहर नहीं बन पाया हो लेकिन जिले में गांवों को आदर्श बनाने की तरफ प्रयासों में तेजी आई है। इसके लिए जिले के 114 गांव चिन्हित किए जा चुके और गांव में रात्रि चौपाल लगाकर गांव की िस्थति, गांव में मौजूद सुविधाएं और आवश्यकताएं पूछी जाने लगी है। इन गांव के विकास का समूचा खाका तैयार किया जा रहा ताकि गांव में वे सभी आवश्यक कार्य किए जा सके जिससे इन गांवों को आदर्श गांव का स्वरूप एवं पहचान मिल सके।
मालूम हो कि जिले में पूर्व वर्षों में गांव के विकास केे लिए कई योजनाएं आईं। ग्राम सभाओं में विकास के प्रस्ताव पास होते रहे। जिला पंचायत की बैठकों के दौरान भी गांव में तकलीफों का दर्द उभरकर सामने आता रहा पर विकास कार्य के नाम पर करोड़ों रुपए बहाने के बाद भी गांव की सूरत नहीं बदली जा सकी है। बारिश में अभी भी कई गांव कैद होकर रह जाते हैं और गर्मी के दिनों में कई गांव के ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। सड़कों की िस्थति सही नहीं है। कृषि प्रधान जिला होने के बाद भी गांव में कुपोषण के मामले भी हर कभी सामने आ जाना चिंताजनक रहा हैं। इन सारी मुश्किलों से अभी भी कई गांव को छुटकारा नहीं मिला है, लेकिन अब इस गांव को समस्याओं से मुक्त करने एवं गांव की सुख शांति व समृद्धि की उम्मीद भरी पहल शुरू हुई है।
गांव में अब यह आएगा बदलाव
अब सरकार गांवों में बदलाव देखना चाहती है। इसके तहत गांव में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों, लोगों के आर्थिक, सामाजिक जीवन में बदलाव हो। गांव में सामाजिक समरसता का माहौल बने, आंव में आंगनबाड़ी भवन हो, सामुदायिक भवन हो, बिजली , पेयजल, सड़क, नाली, उचित मूल्य दुकानों का लाभ मिले, गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर बने, गांव में अत्याचार संबंधी कोई प्रकरण न हो, उद्यानिकी, बागवानी, प्रधानमंत्री आवास, स्कूल भवन आदि सभी आवश्यक जरूरतों की गांव में पूर्ति हो। इन सभी पर गहरा अध्ययन व सर्वे चल रहा है और इस दिशा में कार्य कर गांव की सूरत बदलने के प्रयास शुरू किए गए हैं।
लगाई जा रही रात्रि चौपाल
जिन गांव को आदर्श गांव बनाने चिन्हित किया गया उन गांव में अब रात्रिकालीन चौपाल लगाई जा रही है। जिला पंचायत कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार रात्रि चौपाल के पीछे मकसद यह कि ग्रामीण अपनी मजदूरी व कृषि कार्य करके शाम को घर लौट आते हैं। ऐसे में चर्चा के लिए पर्याप्त समय दे पाते हैं और चौपाल कार्यक्रम के जरिए गांव में उपलब्ध सुविधाओं के साथ ही जरूरतों पर चर्चा कर उन कार्यों को सूचीबद्ध किया जा रहा। इसकेे अलावा भी गांव की समृद्धि व बेहतरी के लिए क्या किया जा सकता है इस पर भी बैठकर विचार किया जा रहा है। ——————-
सर्वाधिक 21 गांव ग्यारसपुर के चिन्हित
जिले में ब्लॉकवार चिन्हित किए गए गांवों में सर्वाधिक 21 गांव ग्यारसपुर ब्लाक के चिन्हित हुए हैं। इसमें ग्राम मानौरा, गुलाबगंज, खजूरी, एरन, मडिया धामनोद, सियासी, बरखेड़ा गंभीर आदि गांव शामिल हैं। वहीं विदिशा ब्लॉक में सुनपुरा, गुरारिया लश्करपुर, सलैया, करैयाहाट, पीपलखेड़ा, नथनपुर सहित अन्य कुछ गांव को चिन्हित किया गया है। वहीं गंजबासौदा में बरेठ, कंजना, कुल्हार, मसूदपुर, किरवाया, सिरनौटा आदि गांव चिन्हित हुए । इसी तरह नटेरन में वर्धा, मोही, सतपाड़ा, बरखेड़ा जागीर, सेऊ, बम्होरी, एचदा, नागौर आदि गांव, वहीं कुरवाई में भाल बामौरा, कोशी, सुनटी, बरखेड़ा, पठारी, पड़राज सिमरधान आदि गांव चिन्हित किए गए। सिरोंज में मुगलसराय, करईखेड़ा, चुनियाखोह, उनारसीताल, घुटुआ आदि गांव एवं लटेरी में बलरामपुर, मासूड़ी, खेरखेड़ी, ओखली खेड़ा, झूकरजोगी आदि गांव चिन्हित किए जा चुके और इन गांव के सर्वांगीण विकास की दिशा में प्रक्रिया चल रही है।
ब्लॉकवार कहां कितने आदर्श गांव
ब्लॉक गांव संख्या विदिशा-17 ग्यारसपुर-21 बासौदा- 15 नटेरन -16 कुरवाई -17 सिरोंज -11 लटेरी -17 कुल गांव- 114
वर्जन
सभी चिन्हित गांव में प्रधानमंत्री आवास बनाए जा रहे हैं। सड़कों का काम चल रहा है। स्कूल एवं आंगनबाड़ी भवन बन रहे है। संबंधित सभी विभागों के समन्वय से यह कार्य हो रहे है। इन सभी गांवों में लगातार दौरे किए जा रहे और रात्रि चौपाल लगाकर ग्रामीणों से गांव के विकास पर चर्चा की जा रही है। इसी वर्ष 2022-23 में इन गांव को आदर्श गांव का स्वरूप दिया जाएगा।
-दयाशंकर सिंह, एसीईओ, जिला पंचायत, विदिशा