Tuesday, September 23

मसरत आलम की रिहाई से PMO नाराज, गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

alam_1425869265नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर सरकार से अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई को लेकर रिपोर्ट मांगी है। केंद्र सरकार यह जानना चाहती है कि किन परिस्थितियों में मसरत को छोड़ा गया। केंद्र सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है, इस बात का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि छुट्टी का दिन होने के बावजूद रविवार को गृह मंत्रालय मेंजम्मूकश्मीर सेक्शन का काम देखने वाले अधिकारी-कर्मचारी काम करते रहे। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय भी मसरत की रिहाई से नाखुश है। इस मुद्दे पर लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह बयान दे सकते हैं। मसरत को घाटी में पत्थरबाजी कराने के आरोप में 2010 में गिरफ्तार किया गया था। पत्थरबाजी में सौ से ज्यादा लोगों की जान गई थी।

दूसरी ओर, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता प्रवीण तोगड़िया ने जम्मू में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की आलोचना की। तोगड़िया ने कहा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर को बर्बाद करने के बजाए राज्य के हालात सुधारने पर काम करें। बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में तोगड़िया ने मुफ्ती को खूब लताड़ा और यहां तक कह दिया कि देश की जनता पाकिस्तान की भाषा बोलने वाले नेताओं को कान पकड़कर कुर्सी से उतारना जानती है। जम्मू-कश्मीर की अवाम को रोजगार, शिक्षा, व्यापार और पर्यटन की जरूरत है न कि आतंकवाद बढ़ाने की। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद मुफ्ती ने राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए पाकिस्तान और आतंकियों को भी श्रेय दिया था।
तोगड़िया ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाया जाएगा। यह हर भारतीय की इच्छा है। जिन शर्तों पर जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल किया गया उन्हीं शर्तों पर हैदराबाद और जूनागढ़ को भी भारत में शामिल किया गया। लेकिन उन्हें जम्मू-कश्मीर जैसा स्पेशल स्टेटस नहीं मिला है।
बीजेपी का स्टैंड 
बीजेपी की जम्मू-कश्मीर ईकाई के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी ने आलम की रिहाई समेत कई मुद्दों पर चर्चा की है। शर्मा के मुताबिक, ‘हमारे वरिष्ठ नेता उन्हें (पीडीपी) बताएंगे कि ऐसे फैसलों (आलम की रिहाई) के लिए गठबंधन नहीं किया गया है। हम विकास के लिए साथ आए हैं, आलम जैसे लोगों को रिहा करने के लिए नहीं।’