जंबार-बागरी के नए औद्योगिक कॉरिडोर में पेस्टिसाइड कारखानों के लिए केमिकल जोन बनाने पर एनजीटी की कोई रोक नहीं है। जंबार-बागरी के जो प्लांट अभी 20 हजार और 30 हजार वर्गफीट में बने हुए हैं, उनका साइज छोटा किया जाएगा। अब वहां बड़े भूखंडों का साइज छोटा करके 10 हजार वर्गफीट तक के प्लांट बनाए जा सकेंगे। इससे नए औद्योगिक क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लग सकेंगे। इस प्रकार के निर्णय मंगलवार को जिला स्तरीय निर्यात संवर्धन समिति की बैठक में लिए गए।
इस मौके पर जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर उमाशंकर भार्गव, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक पीडी वंशकार और औद्योगिक केंद्र विकास निगम भोपाल के प्रबंधक राकेश तिवारी, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष प्रदीप मित्तल की मौजूदगी में उद्योगपतियों और व्यापारियों की कई समस्याओं को लेकर चर्चा की गई।
जंबार-बागरी में ईटीपी बनाकर रोकेंगे उद्योगों का प्रदूषित पानी
कुछ उद्योगपतियों का कहना था कि जंबार बागरी इंडस्ट्रीयल एरिया में पेस्टिसाइड कारखानों को एनजीटी परमिशन नहीं दे रही है। इस वजह से पेस्टीसाइड फैक्टरियों के शिफ्ट होने का पेंच उलझ सकता है। इसके चलते पेस्टिसाइड उद्योगपतियों ने अपने प्लॉट केंसिल कराने की योजना बनाई है। उद्योगपतियों का कहना है जब परमिशन ही नहीं मिलेगी तब पेस्टिसाइड फैक्टरी शुरू करना मुश्किल होगा।
इस संबंध में एकेवीएन और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ इंडस्ट्रीयल एरिया के उद्योगपतियों की बैठक हुई। इसमें जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक पीडी वंशकार ने स्पष्ट किया कि नए औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल जोन बनाने पर एनजीटी की कोई रोक नहीं है। 6 महीने के अंदर एक कामन ईटीपी बनाया जाएगा। इससे किसी जल स्रोत में प्रदूषित पानी नहीं मिलेगा। इसमें कोई इश्यू नहीं है।
रहवासी क्षेत्र को सबसे ज्यादा खतरा
पीतलमिल के नोटीफाइड इंडस्ट्रीयल एरिया के पास सघन रहवासी इलाके को सबसे ज्यादा खतरा हो गया है। पीतल मिल चौक, सुभाष नगर, उदयनगर, वैशाली विहार कालोनी, करैया खेड़ा रोड, अहमदपुर चौराहे का पूरा इलाका सबसे ज्यादा औद्योगिक प्रदूषण की चपेट में है।
छोटे भूखंडों की कमी को दूर करेंगे
लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष प्रदीप मित्तल ने जिला स्तरीय निर्यात संवर्धन समिति की बैठक में प्रस्ताव रखा कि जंबार-बागरी के नए औद्योगिक इलाके में 20 से 30 हजार वर्गफीट के प्लाटों को छोटा किया जाए। इससे छोटे भूखंडों की कमी को दूर किया जा सकेगा। इस पर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव से चर्चा की। इसके बाद बड़े भूखंडों को छोटा करने पर सहमति प्रदान की गई।
कारखानों को शिफ्ट करने पर बैठक जल्द
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक पीडी वंशकार को निर्देश दिए हैं कि वे एक सप्ताह के अंदर केमिकल कारखानों को शिफ्ट करने के लिए एक बैठक बुलाएं। इसमें सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के अलावा पेस्टीसाइड बनाने वाले उद्योगपतियों को भी बुलाकर कारखाने शिफ्ट करने पर आम सहमति बनाए जाए। डीआईसी के महाप्रबंधक पीडी वंशकार का कहना है कि यह बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी। कारखाने शिफ्ट करने में कोई अड़चन नहीं है।