विदिशा में 5 साल की बच्ची पर आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया। वह घर के बाहर बच्चों के साथ निकली थी। गली से दौड़कर गुजर ही रही थी कि कुत्ता उस पर टूट पड़ा। बच्ची का पैर बुरी तरह जख्मी हो गया। कुत्ते के हमले का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना शुक्रवार दोपहर करीब 3.30 बजे की है। नंदवाना निवासी मिलन अग्रवाल की पांच साल की बेटी आर्या अग्रवाल आइसक्रीम लेने के लिए घर से बाहर निकली थी। आर्या अन्य दो बच्चों के साथ आइसक्रीम लेने के लिए दौड़ी। सबसे पीछे आर्या थी, अचानक एक आवारा कुत्ता उस पर लपका। कुत्ते ने आर्या को जमीन पर गिरा दिया। कुत्ता बच्ची के पैर को मुंह में दबाकर उसे नोंचने लगा।
गली से निकल रहे दो लोग बच्ची की चीख सुनकर उसे बचाने दौड़े। एक ने कुत्ते को बैग से और पत्थर मारकर भगाया। बच्ची के पैर को कुत्ते ने बुरी तरह नोंच लिया। परिवार और पड़ोसी उसे लेकर तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसे भर्ती कर लिया गया।
आवारा कुत्ते लगातार कर रहे लोगों पर हमला
नंदवाना निवासी नवीन कोठारी ने बताया कि आवारा कुत्तों के संबंध में नगर पालिका को पूर्व में भी सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि शहर की सड़कों पर आवारा कुत्ते और सांड लोगों पर हमला कर रहे हैं। इससे लोगों में भय का माहौल है।
2 दिनों में 54 लोगों को बनाया शिकारविदिशा जिला अस्पताल में महज 2 दिन में 54 से ज्यादा लोग कुत्ते के काटने वाले पहुंचे हैं। डॉक्टर समीर किरार ने बताया कि 1 दिन पहले जहां 30 व्यक्ति कुत्ते के काटने के बाद जिला अस्पताल में रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आए थे। शनिवार को 24 को इंजेक्शन लगाया गया। इनमें चार व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें भर्ती कर लिया गया हैं। इनमें नंदवाना क्षेत्र में रहने वाली 5 साल की आर्या अग्रवाल और तिलक चौक जामा मस्जिद का रहने वाला 6 साल का पुलकित माली भी शामिल है।
हमला हो जाए तो क्यों करें
- कोई भी जानवर काटे तो तुरंत लगवाएं एंटी रेबीज वैक्सीन: डॉक्टरों का कहना है कि कुत्ता हो या बिल्ली या फिर कोई भी दूसरा जानवर अगर वह किसी इंसान को काटता है तो बिना देर किए नजदीकी अस्पताल में जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना चाहिए। यदि काटे गए स्थान पर खून निकल रहा है तो इम्युनोग्लोबुलिन भी लगवाना चाहिए। डॉक्टर द्वारा बताए गए शेड्यूल के अनुसार वैक्सीन के डोज लगवाने चाहिए। इससे रेबीज का खतरा नहीं रहता।
- डॉग बाइट का हर केस ऐप पर हो रहा दर्ज: स्वास्थ्य विभाग ने रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत एक मोबाइल ऐप तैयार कराया है। NRCP नाम के इस ऐप से आम लोगों, मरीजों को रेबीज के उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल की जानकारी मिलेगी। वहीं अस्पतालों के स्टाफ को डॉग व एनिमल बाइट के मरीज की डिटेल दर्ज करने और वैक्सीनेशन रिपोर्ट निकालने में आसानी होगी। ऐप से यह पता लग सकेगा कि किस मरीज को किस दिन एंटी रेबीज वैक्सीन लगी है या ड्यू है। इससे रेबीज से मरीज को बचाया जा सकेगा।