Monday, October 6

700 हेक्टेयर तक पहुंचा मूंग फसल का रकबा, मंडी में 6 से 7 हजार तक दाम

विकासखंड के किसान भी नया प्रयोग करने में लगे हैं। इस बार फसल चक्र के रूप में किसान ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती का प्रयोग कर रहे हैं। पिछले साल ग्रीष्मकालीन मूंग का रकबा 200 से 300 हेक्टेयर था, लेकिन इस साल ये रकबा 700 हेक्टेयर तक पहुंच गया है। जिन क्षेत्रों में सिंचाई के लिए अच्छे जल स्तर और बिजली की उपलब्धता है। वहां किसान ग्रीष्मकालीन फसलें बोकर लाभ ले रहे हैं। कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार गर्मी में बए जाने वाली मूंग की उन्नत किस्में 65 से 70 दिन में तैयार हो जाती हैं। किसान जून महीने तक उत्पादन ले सकते हैं।

बंपर पैदावार से इस वर्ष ज्यादा जगह में बोवनी

ग्राम ठर्रका के किसान भानूप्रताप तिवारी ने बताया कि पिछले साल नए प्रयोग के रूप में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती की थी। पिछले साल 10 बीघा में मूंग की खेती की। जिसमें से 2 बोरा प्रति बीघा तक उपज निकली। वहीं मूंग के मंडी में भाव अच्छे मिलने से इस साल भी ज्यादा रकबे में मूंग की बोवनी की है।

प्रति हेक्टेयर 10 क्विंटल तक उत्पादन

कृषि विभाग अधिकारी अशोक कौरव ने बताया बाकी कुछ सामान्य रोगों और मच्छरों से मूंग का बचाव कर लिया जाए और मौसम अनुकूल हो तो प्रति बीघा मूंग का उत्पादन 3 क्विंटल तक हो जाता है। वहीं, मंडी में मूंग औसतन भाव 6000 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल जाता है। इस तरह प्रति हेक्टेयर किसान 10 क्विंटल तक उत्पादन कर 50 हजार रुपए तक लाभ कमा सकते हैं।