जम्मू कश्मीर में अब आतंकियों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घाटी के दौरे पर आ रहे हैं। उससे पहले आतंकी इन घटनाओं से लोगों में डर पैदा करना चाहते है। शुक्रवार शाम को बारामुला जिले के पट्टन इलाके में आतंकियों ने एक सरपंच मंजूर अहमद बांगरू की गोलियों से भून कर हत्या कर दी।
ये पिछले 12 दिनों में आतंकी हमले की 7वीं वारदात है। घाटी में लगातार हो रहे इन हमलों में आतंकी आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। मरने वालों में कुछ प्रवासी मजदूर और कश्मीरी हिंदुओं के अलावा वहां के नागरिक भी शामिल है।
हत्याओं का पैटर्न भी एक जैसा
इन वारदातों को अंजाम देने का तरीका भी एक जैसा ही है। ये आतंकी शाम के अंधेरे में लोगों को टारगेट बनाकर अंधाधुंध फायरिंग कर रहे हैं। अखिल जम्मू-कश्मीर पंचायत समिति के अध्यक्ष शफीक मीर ने बताया कि 2012 से लेकर अभी तक कश्मीर में 25 से अधिक पंच-सरपंच मारे जा चुके हैं। इस साल मार्च में कश्मीर में 8 लोगों को निशाना बनाकर मारा गया है। एक महीने में आतंकियों ने घाटी के 10 में से 7 जिलों में वारदात की है।
पीएम के दौरे से पहले इन हमलों ने बढ़ाई चिंता
इन आतंकी हमलों ने सरकारी सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री मोदी 24 अप्रैल को घाटी में को पंचायत सदस्यों को संबोधित करने आ रहे हैं। इसे लेकर अधिकारी लगातार पीएम की सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजामों की व्यवस्था कर रहे हैं। वहीं, इन घटनाओं के बाद पंचायत सदस्यों में भी डर बैठ गया है और उनकी मुश्किलें बढ़ गई है।
सुरक्षा के चलते श्रीनगर में शरण में रह रहे एक पंचायत सदस्य ने बताया कि हमारी जिंदगी नर्क बन गई है। पूरा परिवार 24 घंटे चिंतित रहता है। हम खुलेआम घूम नहीं सकते। आतंकी हमे निशाना बना रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में 4,400 सरपंच और 35,000 से अधिक पंच हैं।