Wednesday, October 22

गवाह बताकर कोर्ट बुलाया, आरोपी की जगह साइन कराए और बिना जुर्म जेल में डाल दिया; ऐसे खुला फर्जीवाड़ा…

सजा किसी को मिली, जेल किसी और को भेजा गया। यह सुनने में अजीब लग रहा होगा, लेकिन मध्यप्रदेश के मंडला जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां धोखाधड़ी के मामले में तीन लोगों को कोर्ट ने सजा सुनाई थी। उनकी जगह तीन बेगुनाहों को जेल भेज दिया गया। दिलचस्प तो यह भी है कि जिनको सजा सुनाई गई उनमें से एक की उम्र 70 साल है, जबकि उसके नाम पर जेल गए शख्स की उम्र 45 साल। उसे 84 दिन सजा बाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। इनमें से एक शख्स ने बुधवार को जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से शिकायत की, तो हड़कंप मच गया।

कोमल प्रसाद पांडे (47) निवासी सिहोरा अपनी पत्नी प्रतिमा पांडे के साथ बुधवार को एसपी ऑफिस पहुंचा। कोमल ने बताया कि वह किसी दूसरे की सजा काटकर जमानत पर आया है। एसपी ने मामले को गंभीर बताया। उन्होंने जांच के लिए ट्रेनी आईपीएस को नियुक्त किया है।

मैं कोमल प्रसाद पांडे। 14 सितंबर 2021 को श्यामसुंदर खम्परिया मेरे पास आया। उसने कहा, मुझे अमित खम्परिया बुला रहे हैं। मैं अमित से मिलने संजीवनी नगर ऑफिस पहुंचा। वहां बताया गया कि नैनपुर तक चलना है, कुछ काम है। दूसरे दिन मुझे मदनमहल साइकिल स्टैंड से चार-पांच अन्य लोगों के साथ कार से नैनपुर ले जाया गया। यहां अमित कोर्ट ले गया। बोला- एक केस में गवाही है। रजिस्टर में तुम मेरे पिता अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी के नाम से दस्तखत कर देना। मैंने घर जाकर पत्नी को बताया, तो उसने विरोध किया। दो दिन बाद अमित ने फिर बुलाया। बोला- 22 सितंबर को फिर दस्तखत करने जाना है। मना किया तो धमकाते हुए गुर्गों से बोला- ये दस्तखत करने न जाए, तो इसके बच्चे और पत्नी को उठा लाना। झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी। मैं डर गया। 22 सितंबर को न चाहते हुए भी उसके साथ गया। वह रास्ते भर धमकाता रहा। वहां जुबान नहीं खोलना, नहीं तो मेरे आदमी तुम्हारे बच्चों और पत्नी को मार डालेंगे। मुझे नैनपुर कोर्ट ले जाया गया। वहां जैसे ही मैंने अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी के नाम से दस्तखत किए। हाथों में हथकड़ी लगा दी गई। बोलने का मौका दिए बिना जेल पहुंचा दिया गया।

जेल में बताया गया कि धोखाधड़ी के दो मामलों में तुम्हें पांच साल की सजा हुई है। वहां मैं कहता रहा- मेरा नाम कोमल पांडे है, पर किसी ने नहीं सुनी। सभी कहते थे कि तुम झूठ बोल रहे हो। तुम्हारा नाम अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी है। जेल में लगे तुम्हारे आधार कार्ड में भी यही दर्ज है। मैंने पूरी बात बताई, तो कहा गया कि अब जमानत पर छूटने के बाद कोर्ट में बताना। 84 दिन बाद अमित खम्परिया ने हाईकोर्ट के बड़े वकील के माध्यम से जमानत कराई।

जमानत पर छूटा ताे अमित खम्परिया का मैनेजर अमित द्विवेदी पहुंचा। उसने वहीं से अमित से बात कराई। मैंने आक्रोश व्यक्त किया, तो वह धमकाने लगा। बोला कि जुबान मत खोलना। नहीं तो तुम्हें और परिवार को जान से मार दूंगा। लौटने के बाद मैं बीमार पड़ गया। अब जाकर कुछ ठीक हुआ हूं। पत्नी के हौसला बढ़ाने पर सच बताने आया हूं।

( कोमल पांडे ने एसपी को शिकायत में बताया।)

ये है मामला

मामला सितंबर 2011 का है। मंडला जिले के कान्हा में वन विभाग के टोल का अमित खम्परिया और अन्य पार्टनर के नाम पर ठेका था। यहां पर्यटकों से ज्यादा वसूली की जाती थी। बाद में अधिक शुल्क को मार्कर से मिटा कर सही पैसे लिख दिए जाते थे। इसकी शिकायत पर खटिया थाने के तत्कालीन टीआई ने 8 सितंबर 2011 को धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया।

10 आरोपी थे, 10 साल बाद सजा
पुलिस ने अमित खम्परिया, उसके पिता अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी, मौसा रामजी द्विवेदी और रिश्तेदार दशरथ प्रसाद तिवारी समेत रज्जन, उमेश पांडे, अमित पांडे, श्रीकांत शुक्ला, शनि ठाकुर, अजय वाल्मीकि और एक अन्य को आरोपी बनाया। सभी जमानत पर बाहर थे। मंडला की नैनपुर कोर्ट में 10 साल तक केस चला। 22 सितंबर 2021 को कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपियों को पांच-पांच साल की जेल और जुर्माना लगाया।

कोर्ट में तीन अभियुक्त ही हुए पेश
22 सितंबर 2021 को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश डीआर अहिरवार की कोर्ट में फैसला सुनाया गया। कोर्ट में अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी (70) निवासी टिकुरी उमरिया, रामजी द्विवेदी (66) निवासी सोनवारी मैहर सतना और दशरथ प्रसाद तिवारी (60) निवासी टिकुरी उमरिया ही पेश हुए। अभियुक्तों में उमेश पांडे की मौत हो चुकी है, जबकि 6 अन्य फरार थे।

ये हुआ फर्जीवाड़ा
मामले में आरोपी अमित खम्परिया ने यहीं पर खेल कर दिया। उसने पिता अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी समेत तीनों को बचाने के लिए साजिश रची। अनिरुद्ध की जगह कोमल प्रसाद पांडे (47) निवासी सिहोरा, रामजी द्विवेदी की जगह श्यामसुंदर खम्परिया और दशरथ प्रसाद तिवारी के बजाय विराट तिवारी निवासी ग्वारीघाट को कोर्ट में पेश कर दिया। इनके आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर पहचान बदल दी। पुलिस ने भी तस्दीक नहीं की। ऐसे में असल अभियुक्तों की जगह ये तीनों 84 दिन जेल में सजा काट आए।

अमित से कैसे जुड़े हैं तीनों
विराट तिवारी को अमित खम्परिया स्टैंड में काम देता है। वर्तमान में वह शहपुरा टोल नाका में काम कर रहा है। इसी तरह, श्याम सुंदर खम्परिया उसका रिश्तेदार है। कोमल प्रसाद पांडे को उसने ब्राम्हण महासभा में जोड़ रखा था। हालांकि, पिता के स्थान पर कोमल प्रसाद को धोखे से और धमका कर पेश किया था।