Tuesday, October 21

माफिया का रसूख ……………….

 

गंजबासौदा इन दिनों यू.पी के बाबा का बुलडोज़र म.प्र. मे भी जोर पकडता जा रहा है म. प्र. जिस तरह से मामा शिवराज सिंह कार्यवाही कर रहे है उससे लोगों में विस्वास पैदा हुआ है पर देखने में आ रहा है रसूखदार माफिया अभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहें है ।
हाल ही में एक मामला प्रकाश में आया हैं । जिसमे जफर कुरैशी नाम के व्यक्ति ने विधुत मण्डल कम्पनी के एस . ई शुक्ला को जबरिया रिश्वत देकर लोकायुक्त के माध्यम से फसाया  । सूत्रों की माने तो श्री शुक्ला एक ईमानदार अधिकारी हैं । ओर उन्होंने जफर की शिकायत पर ही उसके वेयरहाउस पर निरिक्षण करवाया था । और उस निरिक्षण में अनियमित्तयें पाये जाने पर अपराधिक मुकदमा जफर के खिलाफ बनाये जाने की तैयारी थी । इसकी भनक लगते ही जफर ने अपने रसूख का उपयोग करते हुये उक्त अधिकारी पर षडयंत्र पूर्वक कार्यवाही लोकायुक्त से करवा दी । जव इस संदर्भ में गहरी छानवीन की तो माजरा ही उल्टा दिखाई दे रहा है । जफर की तूती के आगे सब बौने सावित दिखाई दे रहें है ।
जफर का रसूख समय के अनुसार वड़ता चला गया । एक समय जफर कुरैषी एक जीप से भोपाल से बासौदा के वीच पेपर लाने का काम किया करते थे । ऐंसा वहॉ के स्थानीय लोगों ने बताया । माली हालात बहुत ही खराब थी केरोसीन के होकर के रूप तेल बाटने का कार्य करते थे । साथ-साथ कंट्रोल का संचालन भी करते थे । भेापाल से पेपर लाते लाते स्वयं ही पत्रकार बन गये । ओर धीरे धीरे रसूख में भी इजाफा होता गया ।
इनकी जिंदगी में बदलाव उस समय से ओर दिखाई देने लगा जव विदिशा एस.पी. अनुराधा शंकर सिंह की नई नई पोस्टींग हुई थी । उनके गंजबासौदा निरिक्षण के दौरान एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई । पर एक प्रमुख समाचार पत्र के संवाददाता के कहने पर उक्त पत्रकार वार्ता सभी पत्रकारों ने वहिस्कार कर दिया । थाना प्रभारी श्री मालवीय जी ने पत्रकारों से बहुत अनुरोध किया पर पत्रकारो ने एक न सुनी किन्तु उस पत्रकार वार्ता में जफर कुरेषी और उनके साथ दो एक पत्रकार उनके साथ पहुंच गये । इसका प्रभाव एस.पी . महोदया पर इतना पड़ा उनके जफर कुरैषी से पारिवारिक संवध बन गये ऐंसा जफर कुरैषी सभी को बताया करते थें । गाहे बागाहे ये संबंध कहीं कहीं दिखाई भी दे रहे थे । इससे अधिकारीयों में पेंठ बड़ती गई । इसके बाद सहारा समय ने तो मानों जिंदगी ही बदल दी हो । उस चैनल की आड़ में जफर ने अपना प्रभाव ओर बड़ा लिया । इतना ही नही उसके भाई भी सहारा और ई टी.वी. के पत्रकार के रूप में दिखाई देने लगे । ये सिलसिला चलता रहा और रसूख वड़ता रहा ।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गंजबासौदा में गउहत्या के समय न जाने कितने निर्दोष लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराये गये । कुछ लोग तो रासुका में भी बंद किये गये । उस समय जफर का नाम सुर्खीयों से लिया जा रहा था । इन्हीं के कहने पर कार्यावाही की जा रहीं हैं । राजनीति में भी इनका दखल बडता गया । कहा तो यहॉ तक जाता है नगर पालिका में ये कीसी का भी राशन कार्ड आसानी से बनवा देते हैं । अपुष्ट जानाकारी के अनुसार पष्चिम बंगाल से आये कई बंगालियों का बगैर दस्तावेज प्रमाणीकरण के राशन कार्ड बना दिये गये । इतना ही नही कोरोनाकाल में भी जमात के लोग इनके यहॉ रूके ऐंसी चर्चा नगर में खूब चली । यहॉ तक बताया गया असम के जमाती लोग जो पकड़े गये थे । वो भी इनहेांने ही अपनी गाड़ी से सिरोंज तक छुडवाया था । जो वाद में कोरोना पाजिटिव पाये गये थे । ये वाते वहॉ के स्थानीय लोग वताते है ।
अव जव जफर कुरैषी द्वारा एक इमानदार अधिकारी को वेवजह फसाया गया है । तो उस अधिकारी के पक्ष में आम जनमानस जो इनसे पीड़ित था । अव वह खुलकर सामने आने लगा है । इन्हीं के सामाज के लोग भी इनकी कारगुजारियों से भी परेशान दिखाई दे रहें । वो भी अव दवी जुवान से इनके कारनामें उजागर कर रहें । ओर शासन से मांग कर रहें है एक कैरोसीन का हॉकर इन 15 सालों में कैसे करोडपति बना । उसकी जॉच की जानी चाहिये । और उन अधिकारियों पर भी कार्यावाही होनी चाहिये जो इसको संरक्षण दिये हुये थे ं ।
अव देखना यह है कि प्रदेश के मुखिया का बुलडोजर इस भूमाफीया , विजली माफिया पर अपनी वक्र दृष्टि कब डालता है ।