Wednesday, September 24

उपकरणों का वितरण किया:9 साल की बेटी और 7 साल का बेटा 90 प्रतिशत विकलांग, हक न छूटे इसलिए हर शिविर में पहुंचते हैं माता-पिता

चिकित्सकीय मूल्यांकन के बाद बीआरसी कार्यालय द्वारा शुक्रवार को पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा स्मृति लोक कल्याण न्यास के विशेष सहयोग से उपकरणों का वितरण किया। इसमें विधायक उमाकांत शर्मा ने 57 दिव्यांग बच्चों को ट्राइसिकल, पैर के जूते, एडीएल किट, व्हील चेयर आदि उपकरण प्रदान किए।

10 बच्चों को सीपी चेयर भी प्रदान की। कार्यक्रम में विधायक के साथ ही जनपद अध्यक्ष जितेन्द्र बघेल, जिला पंचायत में सभापति माधवी माथुर और जनपद उपाध्यक्ष भैरोंसिंह कुर्मी ने सभी बच्चों का शाल, श्रीफल और 101 रुपए भेंट कर सम्मान भी किया। विधायक ने दिव्यांग बच्चों का लालन-पालन करने वाले माता-पिता का धन्यवाद भी जताया। संचालन बीआरसी नरेश रघुवंशी ने किया।

उम्मीद की किरण… कान्हा को लेकर पहुंचा है पिता, ताकि मिल सके लाभ
क्षेत्र के दीपनाखेड़ा गांव में रहने वाले 7 साल का कान्हा भी दिव्यांग है। इतनी उम्र के बाद भी पिता कैलाश सेन को उसे गोद में लेकर ही घूमना पड़ता है। कैलाश ने बताया कि इतने रुपए तो नहीं है कि बेटे का इलाज करवा सकूं लेकिन जहां भी शिविर लगता है मैं कान्हा को लेकर जाता हूं। कहीं कोई उम्मीद की किरण मिल जाए। बीआरसी कार्यालय से सूचना मिली तो आज सीपी चेयर लेने भी उसे लेकर आया हूं। उन्होंने बताया कि कान्हा जब 2 महीने का था तभी उसका आधार कार्ड बनवा लिया था। जिससे समय पर उसका दिव्यांग सर्टीफिकेट भी बन गया। उसे 600 रुपए पेंशन मिलती है। मेरी कोशिश है कि बेटे को सरकार की हर योजना का फायदा दिलवा सकूं।

आधार कार्ड नहीं बनने के कारण बेटी को नहीं मिल रही पेंशन, सुनती और बोलती नहीं
9 साल की पायल बघेल घोसुआताल में रहती हैं। 90 फीसदी दिव्यांग हैं ना बोलती हैं ना सुनती हैं और ना ही कुछ समझती हैं। हालात कुपोषित बच्चे से भी बुरे। खाना भी मां राधा बाई को चम्मच से खिलाना पड़ता है। राधा ने बताया कि 2013 में जन्म के बाद से ही बेटी ऐसी ही है।

डाक्टरों का कहना है कि उसका दिमाग काम नहीं करता। इस कारण कुछ नहीं हो सका। सरकार की योजना का लाभ उसे दिलवाने के लिए हर जगह गोद में ही लेकर जाती हूं। सेरेब्रल पाल्सी चेयर के रूप में पहली बार किसी योजना का लाभ मिला है। बेटी का दिव्यांग सर्टीफिकेट बन गया है लेकिन आधार कार्ड नहीं होने के लिए उसे पेंशन नहीं मिल पा रही। जब भी आधार कार्ड बनवाने जाते हैं तो ये कह कर वापस लौटा देते हैं कि अंगूठा नहीं लग रहा। अब समझ में नहीं आ रहा कि बेटी को पेंशन दिलवाने कहां पर जाऊं।