पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भले ही स्थगित हो गया है, लेकिन उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इमरान सरकार के खिलाफ 25 मार्च को आने वाला अविश्वास प्रस्ताव अब 28 मार्च को आएगा। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग 3 या 4 अप्रैल को होने की संभावना है। इधर, अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान 27 मार्च यानी आज इस्लामाबाद में एक रैली का आयोजन करने वाले हैं। इमरान इस रैली को पाकिस्तान के इतिहास में फैसले का दिन बता रहे हैं। उन्होंने पाक आवाम से इस रैली में जुटने की अपील की है।
दूसरी तरफ, पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के 50 मंत्री असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव आने से पहले लापता हो गए हैं। इन मंत्रियों को लंबे समय से नहीं देखा गया है। जानकारी के मुताबिक, 25 संघीय और प्रांतीय सरकारों के करीब 25 सलाहकार भी गायब हैं।
न्यूज वेबसाइट ARY के सूत्रों की मानें तो मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान पार्टी के मेंबर आज इमरान खान से मुलाकात कर सकते हैं। पार्टी इमरान सरकार के बरकरार रहने का समर्थन कर रही है।
बिलावल भुट्टो बोले- कैप्टन फिर पिच छोड़ गए
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो का आरोप है कि इमरान चाहते हैं कि स्टेट इंस्टिट्यूशंस उनकी पार्टी के पिछलग्गू के तौर पर काम करे, लेकिन हम साफ कर देना चाहते हैं कि अगला चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होगा। किसी एक इंसान के लिए हम अपने स्टेट इंस्टिट्यूशंस को विवादास्पद नहीं बनने देंगे। इमरान पर तंज कसते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, ‘कैप्टन फिर पिच छोड़ गए, हमेशा की तरह। सरकार अविश्वास प्रस्ताव को टालने का हर पैंतरा अपना रही है।’
पाकिस्तान की राजनीति से जुड़े आज के अपडेट्स…
- अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान के मंत्री अपने सहयोगियों को मनाने की जुगत में लगे हुए हैं। इसी के मद्देनजर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और रक्षा मंत्री परवेज खटक ने शनिवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (PML-Q) के नेताओं से मुलाकात की।
- गृह मंत्री शेख राशिद ने कुछ वक्त पहले दावा किया था कि पाकिस्तान में वक्त से पहले आम चुनाव हो सकते हैं, लेकिन अब उन्होंने अपने इस बयान से यू टर्न ले लिया है। इस्लामाबाद में मीडिया को संबोधित कर करते हुए उन्होंने कहा कि वो सिर्फ मेरी राय थी। यह पार्टी का ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं था।
- शुक्रवार को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार को बड़ा झटका दिया है। PTI ने सुप्रीम कोर्ट की मांग थी कि बागी विधायकों के वोट नहीं गिने जाए, इस पर कोर्ट ने कहा कि कोई भी सांसद अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर वोट दे सकता है। सरकार का कहना है कि यदि बागी सांसद अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष का साथ देंगे, तो उन्हें संसद से डिसक्वालिफाई किया जा सकता है। हालांकि, चीफ जस्टिस का कहना है कि संविधान में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है।
शनिवार को पाकिस्तान की सियासत में क्या हुआ?
होम मिनिस्टर शेख रशीद ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने PM इमरान खान से वक्त से पहले चुनाव करवाने की मांग की है। रशीद चाहते हैं कि 2022-23 के लिए बजट पेश करने के तुरंत बाद ही चुनाव का ऐलान कर दिया जाए। इधर, विपक्ष ने संसद के स्पीकर असद कैसर पर गंभीर आरोप लगाए। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) के नेता शहबाज शरीफ ने स्पीकर असद कैसर को इमरान खान की कठपुतली बताया।