मौसम के मिजाज ने क्षेत्र के किसानों की धड़कने बढ़ा दी हैं। गुरुवार को दिन भर बादलों का पहरा आसमान पर रहा। अधिकांश किसानों की फसल अभी खेतों में खड़ी है। ऐसे में अगर बारिश अथवा बूंदाबांदी भी होती है तो उन्हें लंबा नुकसान हो जाएगा। रबी की फसल की कटाई इन दिनों क्षेत्र में तेजी से चल रहा है। अधिकांश किसानों की फसल कटने की स्थिति में है। मसूर, सरसों और तेवड़ा की कटाई हो चुकी है। वहीं चने में भी 70 फीसदी फसल कट चुकी है। खेतों में अब गेहूं की फसल खड़ी हुई है। जिसकी 15 से 20 फीसदी कटाई हो गई।
इसके अलावा खेतों में खड़ी फसल की कटाई का सिलसिला तेजी से चल रहा है। किसान हार्वेस्टर और थ्रेसर के प्रबंध में ही जुटे हुए हैं। इस बीच गुरुवार को अचानक बदले मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ाने का काम किया हैं। सुबह से ही आसमान पर बादलों का पहरा दिखाई दिया। दोपहर में 12 बजे करीब बादल छंटते दिखाई दिए लेकिन कुछ ही समय में फिर घने बादल आसमान पर छा गए। बादलों का यह पहरा किसानों को डरा रहा था।
खेतों में फसल पकी हुई हुई खड़ी है और ऐसे में यदि बारिश होती है तो इसका नुकसान सभी किसानों को होगा। किसान राजा यादव ने बताया कि सालों बाद ऐसी स्थिति बनी है कि जब मौसम पूरी तरह किसानों के साथ रहा है। फसल अच्छी निकल रही है और एवरेज और भाव भी किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। अगले 15 दिन में क्षेत्र के लगभग सभी किसानों की फसल कट जाएगी। ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि इन 15 दिनों तक वो कृपा बनाए रखें।
मंडी में दाम अच्छे मिलने से किसान सीधे उपज लेकर पहुंचे रहे हैं, छुट्टी से अतिरिक्त खर्च पड़ेगा
क्षेत्र के अधिकांश खेतों में इन दिनों गेहूं की फसल की कटाई का सिलसिला चल रहा है। मंडी में फसल का दाम अच्छा मिलने के कारण किसान उपज को लेकर सीधे मंडी में पहुंच रहे हैं। इससे उनकी फसल समय पर मंडी पहुंच रही है और बिना वे फसल को कहीं रखने की दिक्कत से भी बच रहे हैं।
इस बीच मंडी में 26 मार्च से एक सप्ताह के अवकाश की बात सामने आई है। लेखाबंदी और अन्य वजहों से मंडी 26 मार्च से 1 अप्रेल के बीच बंद रहेगी। ऐसे में किसान चिंतित हो रहा है कि कटाई के बाद फसल को कहां पर सुरक्षित रखेगा। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।
रिकार्ड 22949 क्विंटल की आवक
मौसम के मिजाज और आगामी समय में पढ़ने वाली छुट्टी को देखते हुए मंडी में आवक का जोर और अधिक बढ़ गया है। गुरुवार को मंडी में रिकार्ड 22949 क्विंटल की आवक हुई। इसमें गेहूं 16245 क्विंटल गेहूं था। जो 1750 से 3600 रुपए क्विंटल तक बिका। इसके अलावा चना, मसूर, सरसों और तेवड़ा की भी अच्छी आवक हुई।
आवक के कारण मंडी बायपास रोड और बस स्टैंड पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। इस आवक के बीच ही शुक्रवार को मंडी में उपज बेचने के लिए किसानों के आने का सिलसिला भी गुरुवार शाम से ही शुरू हो गया। अनाज एवं तिलहन व्यापार संघ के अध्यक्ष समीर भार्गव ने बताया कि शनिवार से एक सप्ताह का अवकाश शुरू हो रहा है। इस कारण किसान अधिकांश किसान उपज को लेकर मंडी में ही आ रहे है।