Wednesday, September 24

दिल्ली के प्रोफेसर पंजाब से राज्यसभा जाएंगे:AAP ने संदीप पाठक की घोषणा की; 4 सीटों के लिए क्रिकेटर हरभजन, चड्‌ढा, नरेश पटेल और किशलय का नाम चर्चा में

पंजाब से राज्यसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली IIT के एसोसिएट प्रोफेसर रहे डॉ. संदीप पाठक का नाम अनाउंस कर दिया है। वह दोपहर में नामांकन भरेंगे। संदीप पाठक ने दिल्ली में 2020 और फिर पंजाब में 2022 के चुनाव में पर्दे के पीछे रहकर अहम भूमिका निभाई। कल अरविंद केजरीवाल ने भी संदीप पाठक के काम की तारीफ की थी।

अब बाकी 4 सीटों के लिए क्रिकेटर हरभजन सिंह, पार्टी के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्‌ढा, गुजरात के पाटीदार नेता नरेश पटेल और रेडफोर्ट फिल्म निर्माता किशलय शर्मा का नाम चर्चा में है। दोपहर तक आम आदमी पार्टी सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी।

बाहरी का पेंच फंसा तो बदल सकते हैं नाम
आम आदमी पार्टी की तरफ से यह नाम लगभग तय माने जा रहे हैं। हालांकि विपक्षी दलों ने अभी से सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं कि उम्मीदवार पंजाबी ही होने चाहिए। पंजाब के कोटे से दूसरे प्रदेशों के नेता नहीं भेजे जाने चाहिए। ऐसे में क्रिकेटर हरभजन को लेकर सहमति तय है। उन्हें CM भगवंत मान का भी समर्थन है क्योंकि वह उन्हें स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का भी जिम्मा देना चाहते हैं। हरभजन जालंधर के रहने वाले हैं।

बाकी चारों नाम बाहरी हैं। हालांकि राघव चड्‌ढा को लेकर भी सहमति तय है। डॉ. संदीप पाठक की कल खुद अरविंद केजरीवाल ने विधायकों के आगे तारीफ की। नरेश पटेल को गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार समाज को जोड़ने के लिए भेजा जा रहा है।

यह सीटें हो रहीं खाली
पंजाब में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो, अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींडसा और नरेश गुजराल के अलावा भाजपा के श्वेत मलिक का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इनमें प्रताप सिंह बाजवा इस बार कादियां से विधायक भी बने हैं।

जानिए कैसे होगा पंजाब में राज्यसभा सदस्य का चुनाव

राज्यसभा सदस्य के चुनाव के लिए सिर्फ विधायक ही वोट देंगे। इसके लिए विधायकों की कुल संख्या को राज्यसभा की खाली सीटों में 1 जोड़कर विभाजित किया जाता है। उसके बाद जो आंकड़ा आए, उसमें एक जोड़ दिया जाता है। जिसे उतने विधायकों का समर्थन मिलेगा, वह सदस्य बन जाएंगे।

पंजाब के लिहाज से देखें तो पहले 2 सीटों के लिए चुनाव होना है। ऐसे में विधायकों की 117 की संख्या को 2 सीटों में 1 जोड़कर यानी 3 से विभाजित करेंगे। जिसके बाद 39 का आंकड़ा आएगा और उसमें 1 जोड़ने के बाद 40 हो जाएंगे। इस लिहाज से एक सदस्य के लिए 40 विधायकों का समर्थन जरूरी है।

इसी तरह बाद में जब 3 सदस्यों का चुनाव होगा तो उसमें इसी तरह 30 विधायकों के समर्थन का आंकड़ा आएगा। विरोधी पार्टियों की बात करें तो सबसे ज्यादा सिर्फ 18 विधायक कांग्रेस के पास हैं।

इसमें एक और अहम बात यह भी है कि एक विधायक सभी सीटों के लिए वोट नहीं करता। उन्हें अपनी पसंद के हिसाब से वोट देना होता है। हालांकि पंजाब में आप ने 92 सीटें जीती हैं तो समर्थन के लिए जरूरी सीटों के लिहाज से उन्हें अपने सभी सदस्य का चुनाव करना आसान होगा।